हजारों नागरिकों का तीव्र विरोध (सौजन्य-नवभारत)
Kalmeshwar News: कलमेश्वर में महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के निर्देशानुसार मे. अंबुजा सीमेंट लिमिटेड कंपनी की ओर से दहेगांव गोवरी कोयला खदान प्रकल्प के संबंध में बुधवार को सुबह 11.30 बजे वलनी गांव के समीप कंपनी की खदान के स्थान पर पर्यावरण मंजूरी के लिए जन सुनवाई रखी गई थी। परंतु इस खदान प्रकल्प को लेकर नागरिकों के तीव्र विरोध के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने जनसुनवाई रोके जाने के बारे में घोषणा की।
मे. अंबुजा सीमेंट लि. कंपनी की ओर से दहेगांव गोवरी में प्रस्तावित कोयला खदान प्रकल्प के संबंध में वलनी में आयोजित जनसुनवाई के अवसर पर नागपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अनूप खांडे, महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रादेशिक अधिकारी धनश्री पाटिल, प्रादेशिक अधिकारी हेमा देशपांडे, हिंगना विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक समीर मेघे, भाजपा नेता डॉ। राजीव पोतदार, पूर्व विधायक सुनील केदार, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर कुंभारे, कुंदा राऊत, पियुष बरडे आदि उपस्थित थे।
1562 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होने वाली खदान में उत्पादन क्षमता एक दशलक्ष टन थी। इस प्रकल्प में नागपुर ग्रामीण कलमेश्वर तहसील के गोवरी सिंधी खैरी, तोंडाखैरी, बोरगांव, बिल्लोरी, झुनकी इन गांवों का समावेश है। इस प्रस्तावित कोयला खदान प्रकल्प का तीव्र विरोध करने के लिए परिसर के हजारों नागरिकों ने वहां पर जमा होकर जोरदार नारेबाजी की।
इस प्रकल्प के संबंध में नागरिकों के जोरदार विरोध को देखते हुए नागपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अनूप खांडे ने इस जनसुनवाई को रोके जाने के बारे में घोषणा की। उन्होंने इस संबंध में लिखित पत्र नागरिकों के स्वाधीन किया। वहां किसी भी प्रकार की अनुचित घटना नहीं हो इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक अनिल म्हस्के, कलमेश्वर पुलिस स्टेशन के थानेदार मनोज कालबांडे ने तगड़ा पुलिस बंदोबस्त रखा था।
बाजारगांव में नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गोंडखैरी ग्राम पंचायत की विशेष वार्षिक ग्रामसभा में जबरदस्त हंगामा मच गया। महिला सरपंच होने के कारण उनके पति विजय अतकरी का हमेशा दखल रहता है। लेकिन इस बार तो उन्होंने हद ही पार कर दी। सभा में तंबाकू चबाते हुए मौजूद सरपंच पति ने एक युवक की कॉलर पकड़ ली और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यही नहीं, कई युवकों को धमकाते हुए उन्होंने माहौल गर्म कर दिया।
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अदाणी फाउंडेशन की एनओसी रद्द होने के बाद जब नागरिक अपनी राय रख रहे थे, तभी सरपंच पति का पारा चढ़ गया। लोगों की बात सुने बिना ही उन्होंने एक युवक को दबोच लिया, जिससे सभा में तनाव का माहौल बन गया। “ग्रामसभा में बोलने का अधिकार सबको है, तो सरपंच पति की यह दबंगई क्यों सहनी चाहिए” ऐसा आक्रोशित सवाल नागरिकों ने उठाया। बार-बार सरपंच पति के हस्तक्षेप से तंग आए नागरिकों में रोष देखा गया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।