नागपुर. महाराष्ट्र जेल व सुधार सेवा विभाग की ओर से राज्य की जेलों में बंद कैदियों के लिए ई-मुलाकात सेवा शुरू की गई है. इससे देश और विदेश के कैदी अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात कर पाएंगे. जेल विभाग के एडीजी अमिताभ गुप्ता ने सभी जेलों के सुपरिटेंडेंट को आईसीजेएस प्रणाली का उपयोग करने के निर्देश दिए है लेकिन इस सुविधा का उपयोग आतंकी वारदातों में लिप्त पाकिस्तान और बांग्लादेश के कैदी नहीं कर पाएंगे.
अब तक राज्य के 3,145 कैदी ई-मुलाकात के जरिए अपने परिजनों से बातचीत कर चुके हैं. नागपुर सेंट्रल जेल में बंद 1,058 कैदी भी इसका लाभ ले चुके हैं. सजा होने के बाद आरोपियों को अलग-अलग जेलों में कैद किया जाता है. इस वजह से लंबे समय तक उनकी परिजनों से बातचीत नहीं हो पाती. अन्य जिलों और राज्यों के कैदियों से परिजन मिल नहीं पाते. कैदियों का परिवार से संपर्क बना रहे इसीलिए नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) ने बनाया है. सभी जेलों में ई-मुलाकात रूम बनाया गया है. जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ता था.
ई-मुलाकात सिस्टम के जरिए उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली का कैदी और उनके परिजनों ने भी स्वागत किया है. सभी जेल सुपरिटेंडेंट को परिसर में इसके सूचना फलक लगाने के निर्देश दिए गए है. केवल आतंकी गतिविधियों में लिप्त कैदियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. राज्य की जेलों में नाइजेरिया, केनिया, कोलंबिया, इरान, इराक, थाईलैंड, ब्राजील, चीन और नेपाल सहित 637 कैदी बंद हैं. उन्हें भी इसका लाभ मिलने वाला है. विदेश में बैठे अपने परिजनों से कैदी वीडियो कॉलिंग के जरिए बात कर पाएंगे.