हर्षवर्धन सपकाल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र राज्य उपराजधानी नागपुर में 17 मार्च की रात को हुए दंगे के बाद से संबंधित थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है। अभी भी शांतिपूर्ण तनाव की स्थिति बनी हुई है। दंगा प्रभावित बस्तियों का निरीक्षण करने के लिए कांग्रेस ने एक समिति गठित की है। प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने समिति को प्रभावित इलाकों का दौरा कर नागरिकों से चर्चा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने स्थानीय नागरिकों से चर्चा कर शांति स्थापित करने का प्रयास करने को कहा है। कहा गया कि पत्थरबाजी और आगजनी की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। महाराष्ट्र में शांति भंग करने का प्रयास कुछ शक्तियां कर रही हैं। राज्य में शांति व सामाजिक सौहार्द का वातावरण बनाए रखना जरूरी है। कांग्रेस की यह समिति दंगाग्रस्त बस्तियों में रहने वाले नागरिकों से बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील करेगी।
कांग्रेस की इस समिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे, पूर्व सांसद हुसैन दलवाई, पूर्व मंत्री नितिन राउत, यशोमति ठाकुर, साजिद पठान सदस्य हैं। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विधायक विकास ठाकरे को निमंत्रणक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रफुल गुडधे पाटिल को समिति समन्वयक बनाया गया है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश पाटिल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह समिति प्रभावितों इलाकों में नागरिकों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुनेगी और शांति बनाए रखने में मदद करने की अपील करेगी।
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गौरतलब है कि नागपुर में 17 मार्च को महल परिसर में विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद शाम को दो गुटो में हिंसा भड़क गई। सोमवार की रात गांधी गेट से शुरू हुई हिसा हंसापुरी तक पहुंच गई। कई जगहों पर पथराव किया गया। आगजनी कर बड़ी संख्या में वाहन जलाए गए। इस दौरान पुलिस ने दंगाइयों में पर लाठी तो बरसाई लेकिन फिर भी भीड़ काबू में आने का नाम नहीं ले रही थी। ऐसे में पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए अश्रु गैस के गोले दागे गए। जानकारी मिली है कि कुछ घंटों के भीतर ही पुलिस ने 378 गोले दागे।