नागपुर युनिवर्सिटी (फाइल फोटो)
National Institutional Ranking Framework: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गुरुवार को घोषित किए गए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में इंजीनियरिंग संस्थाओं में वीएनआईटी 44वें स्थान पर रहा है। गत वर्ष की तुलना में इस बार कुछ हद तक रैंक में कमी आई लेकिन श्रेणी अंक 56.58 ही हैं। वहीं आईआईएम ने अपनी स्थिति को सुधारते हुए 31वां स्थान हासिल किया है।
वर्षों से रैंकिंग की दौड़ से काफी बाहर रहने वाले आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय ने अपनी श्रेणी में सुधार करते हुए 96वां स्थान प्राप्त किया है। हर वर्ष देशभर के विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कृषि, वैद्यकीय, औषध निर्माण और विधि संकाय की संस्थाओं, कॉलेजों की रैंकिंग घोषित की जाती है। विश्वविद्यालय और कॉलेजों की गुणवत्ता की पड़ताल कर मानांकन निर्धारित किया जाता है।
पिछले कुछ वर्षों से पहले 200 कॉलेज, विश्वविद्यालयों का समावेश किया जाता है। इस बार सिटी के वीएनआईटी, आईआईएम ने बीट्स पिलानी, आईआईटी मंडी, थापर इंस्टीट्यूट, जामिया मिलिया इस्लामिया और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भी पछाड़ दिया है। रैकिंग में वीएनआईटी को इंजीनियरिंग-साइंस कैटेगिरी में 56.58 अंकों के साथ 44 रैंक मिली है। संस्था का आर्किटेक्चर विभाग देश के टॉप-10 में शामिल हुआ है।
दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन ने वैद्यकीय विश्वविद्यालय श्रेणी में 53.91 अंकों के साथ 49वां स्थान तथा सर्वसाधारण विश्वविद्यालय की श्रेणी में 84वां स्थान प्राप्त किया। विधि पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय महाराष्ट्र विधि विश्वविद्यालय ने 56.54 अंकों के साथ 28वां स्थान, प्रबंधन संकाय में आईआईएम नागपुर को 56.94 अंकों के साथ 31वां स्थान मिला है।
शासकीय दंत महाविद्यालय व अस्पताल ने दंत पाठ्यक्रम में 57.90 अंकों के साथ 20वां स्थान प्राप्त किया। औषध निर्माणशास्त्र पाठ्यक्रम में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने 46.46 अंकों के साथ 66वां स्थान प्राप्त किया। रामदेव बाबा यूनिवर्सिटी ने 134 तथा वाईसीसीई ने 150वीं रैंक हासिल की।
शिवाजी कॉलेज, कांग्रेसनगर ने भी सफलता हासिल की है। साइंस कॉलेज कैटेगेरी में 151-200 रैंक के बीच जगह बनाई। 2024 में कॉलेज को 201-300 रैंक के बीच जगह मिली थी। इस बार करीब 50 रैंक से आगे रहा है। यह जिले सहित विदर्भ का एकमात्र कॉलेज रहा। प्राचार्य डॉ.ओएस देशमुख ने बताया कि संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, कार्यकारी सदस्य हेमंत कालमेघ सहित व्यवस्थापन, प्राध्यापक वर्ग, विद्यार्थी, पूर्व छात्रों के परिश्रम से कॉलेज अपनी गुणवत्ता की निरंतरता में सफल हो रहा है।
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सिटी सहित विदर्भ में अनेक नामी संस्थाएं, कॉलेज हैं लेकिन किसी भी संस्था ने संशोधन, इनोवेशन और कौशल विकास श्रेणी में जगह नहीं बनाई। पिछले 2 वर्षों के भीतर नागपुर विश्वविद्यालय में अनेक प्रयोग हुए लेकिन संशोधन में स्थान नहीं मिल सका।