मराठा आरक्षण के खिलाफ OBC नेताओं की महारैली (Image- Social Media)
Nagpur News: अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के सदस्यों ने शुक्रवार को यहां एक रैली निकाली और मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की। ‘सकल ओबीसी महा मोर्चा’ के बैनर तले आयोजित इस मार्च में बड़ी संख्या में लोगों ने यशवंत स्टेडियम से संविधान स्क्वायर तक अपनी मांगों के समर्थन में मार्च निकाला, जिनमें से प्रमुख मांग दो सितंबर के सरकारी प्रस्ताव को रद्द करना था, जिसके तहत मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने थे।
ओबीसी के भीतर विभिन्न जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सकल ओबीसी संगठन द्वारा आयोजित मोर्चे में शामिल होने वाले लोग पूरे महाराष्ट्र से नागपुर में एकत्र हुए और तीन किलोमीटर तक मार्च किया। हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए, उन्होंने आरक्षण में अपने उचित हिस्से को किसी भी तरह से कम नहीं होने देने की प्रतिबद्धता जताई। कांग्रेस विधायक एवं ओबीसी नेता विजय वडेट्टीवार ने भी मार्च में भाग लिया।
रैली में शामिल लोगों ने नारे लगाए, ‘महायुति सरकार संविधान के तहत ओबीसी को दिए गए (कोटा) अधिकार को नहीं छीन सकती’ और ‘एक मिशन ओबीसी आरक्षण’। ओबीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन दो सितंबर के उस सरकारी आदेश का कड़ा विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत मराठा समुदाय के उन सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जो अपनी ओबीसी पृष्ठभूमि साबित करेंगे।
यह अधिसूचना मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा मुम्बई के आजाद मैदान में पांच दिन तक चले आंदोलन के बाद जारी की गई। उक्त सरकारी आदेश मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है, जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा का दावा करने में सक्षम होंगे।
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महाराष्ट्र में कुनबी को ओबीसी श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है और कई मराठा लोग कृषि समुदाय से संबंध होने का दावा करते हैं। जरांगे ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि, ओबीसी संगठन इस मांग का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि इससे आरक्षण में समुदाय का हिस्सा कम हो जायेगा। -एजेंसी इनपुट के साथ