
तेंदुआ (AI Generated Image)
Nagpur Municipal Corporation: नागपुर सिटी में घूमते आवारा श्वानों पर लगाम कसने के लिए नागपुर महानगरपालिका की ओर से कई दावे किए गए लेकिन उसके सभी दावे फेल होते दिख रहे हैं। कुत्तों की बढ़ती संख्या तेंदुओं को आमंत्रण दे रही है। अब कुत्तों की संख्या को कम करने की मनपा की ‘ड्यूटी’ तेंदुए निभा रहे हैं। बताते चलें कि बीते कुछ दिनों से तेंदुओं का मुद्दा नागपुर समेत राज्य भर में गरमाया हुआ है।
विधानमंडल में भी तेंदुओं को लेकर कई चर्चाएं हुईं। आए दिन तेंदुआ देखे जाने और तेंदुओं द्वारा लोगों पर हमला किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जंगल कटने के कारण तेंदुओं का आवास और शिकार घट रहा है। खुराक की तलाश में वे मानव बस्तियों तक पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तेंदुए विशेष रूप से आवारा श्वानों को अपना शिकार बनाने बस्तियों तक पहुंच रहे हैं।
नागपुर महानगरपालिका द्वारा आवारा कुत्तों पर नकेल कसने की बातें केवल भाषण तक सीमित नजर आ रही हैं। कुत्तों की बढ़ती संख्या तेंदुओं को मानव बस्तियों तक पहुंचने का निमंत्रण दे रही है। हालांकि मनपा इन आवारा श्वानों की संख्या पर लगाम कसने में असफल नजर आ रही है लेकिन तेंदुए कुत्तों को अपना शिकार बनाकर इनकी संख्या को नियंत्रित कर रहे हैं।
कुछ दिनों से पूर्व नागपुर में तेंदुए देखे जाने की घटना में बढ़ोतरी हुई है। ज्ञात हो कि पारडी, भांडेवाड़ी, वाठोड़ा, यशोधरानगर और पीली नदी समेत आसपास के इलाकों में तेंदुआ देखे जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लोगों का कहना है कि भांडेवाड़ी और पारडी समेत आसपास की बस्तियों में आवारा कुत्तों की संख्या अधिक हो गई है। विशेष रूप से डम्पिंग यार्ड के आसपास कई कुत्ते घूमते देखे जा सकते हैं लेकिन मनपा द्वारा इन्हें पकड़ने में गंभीरता नहीं बरती जा रही।
आवारा श्वानों पर लगाम कसना अनिवार्य है। श्वानों पर लगाम नहीं कसी गई तो खुराक की तलाश में तेंदुए मानव बस्तियों तक पहुंचते रहेंगे। ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर रोक लगाना अंसभव हो सकता है। इस विषय पर गंभीरता बरतना अनिवार्य है।
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आवारा श्वानों के पीछे लेपर्ड बस्तियों तक पहुंच जाते हैं। इस कारण मानव-वन्यजीव टकराव होता है। श्वानों की बढ़ती संख्या पर लगाम एक अहम मुद्दा है। इस संबंध में जल्द ही मनपा आयुक्त के साथ चर्चा कर उपाय योजना की जाएगी। समन्वय के साथ काम किया जाए तो मानव-वन्यजीव टकराव को टाला जा सकता है।
– श्रीलक्ष्मी ए, मुख्य वन संरक्षक
तेंदुए आवारा कुत्तों और सुअरों के शिकार के लिए बस्तियों तक पहुंचते हैं। खुले में कूड़ा और खाना फेंकने वाली जगहों पर कुत्तों और सुअरों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में नियमित सफाई पर ध्यान देना आवश्यक है। प्रशासन समेत नागरिकों को भी परिसर में साफ-सफाई रखने की ओर गंभीरता बरता अनिवार्य है।
– अविनाश लोंढे, मानद वन्यजीव रक्षक






