नाग नदी प्रकल्प, दूसरे पैकेज की टेंडर प्रक्रिया शुरू (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Corporation: नाग नदी प्रकल्प के लिए भले ही दो दशकों का इंतजार हुआ हो, लेकिन अब प्रकल्प पर अमल शुरू हो गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रकल्प में निर्धारित पांच पैकेजों के अंतर्गत दूसरे पैकेज में होने वाले सेंट्रल सीवरेज जोन को लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, 60 दिनों के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इस प्रक्रिया में तीन दिनों के भीतर प्री-बिडिंग की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। शहर में नाग नदी प्रकल्प के तहत 2,000 किलोमीटर के सीवरेज नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सेंट्रल सीवरेज जोन के अलावा तीसरे पैकेज में नॉर्थ सीवरेज जोन का कार्य भी शामिल है।
इस सीवरेज नेटवर्क को नाग नदी और पीली नदी के बेड से मुख्य इंटरसेप्टर लाइन के माध्यम से बाहर निकाला जाएगा और इंटरसेप्टर के माध्यम से शहर के इंटरनल सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। 1,927 करोड़ रुपये के इस प्रकल्प के लिए केंद्रीय बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार, नाग नदी प्रकल्प को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसके लिए पहले मनपा ने पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी) की नियुक्ति की थी। पीएमसी की नियुक्ति के बाद 1.5 करोड़ की लागत से क्रिमेटोरियम का कार्य शुरू किया गया।
अब सेंट्रल सीवरेज जोन के लिए टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। बताया गया है कि प्रकल्प के अंतर्गत फिलहाल मनपा को वास्तविक निधि का आवंटन नहीं हुआ है, केवल बजट में प्रावधान किया गया है। अब टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के बाद मनपा ने 450 करोड़ रुपये की मांग का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। उक्त निधि वित्तीय वर्ष 2026-27 में होने वाले कार्यों पर खर्च की जाएगी। दूसरे पैकेज में बुलाए गए टेंडर के अनुसार, निर्धारित कार्य ढाई वर्षों में पूरे किए जाएंगे।
प्रकल्प के अनुसार शहर में 2,000 किलोमीटर के सीवरेज लाइन नेटवर्क का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके तहत 1,31,861 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। प्रकल्प पर अमल कराने के लिए महानगरपालिका ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी की नियुक्ति पहले ही कर दी है। पीएमसी का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
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जानकारी के अनुसार, 1,927 करोड़ रुपये के नाग नदी प्रकल्प में कुछ हिस्सों के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाना है। इसके अलावा आपात स्थिति और अन्य कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जबकि वास्तविक सिविल कार्यों पर 927 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस सिविल वर्क को तीन पैकेजों में विभाजित किया गया है।