कार्यक्रम में छात्रों काे जानकारी देते हुए (फोटो नवभारत)
नागपुर: महाज्योति के माध्यम से अन्य पिछड़े वर्गों, विमुक्त जाति-घुमंतू जनजातियों और विशेष पिछड़े वर्गों के शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योजनाएं लागू की जाती हैं। प्रतियोगी परीक्षा के लिए लोक सेवा आयोग की परीक्षा देनी चाहिए। उसके लिए ट्रेनिंग दी जाती है। 11 महीने की ट्रेनिंग होती है। बच्चों को महाराष्ट्र में 10,000 और दिल्ली में 13,000 रुपए का वजीफा दिया जाता है।
महाज्योति के प्रबंध निदेशक राजेश खवले ने बताया कि महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। पुलिस भर्ती, सैनिक भर्ती, कर्मचारी चयन आयोग, एबीपीएस जैसी विभिन्न परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान करता है। अब तक कई विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें से 2295 विद्यार्थी सरकारी सेवा में उत्तीर्ण हुए हैं। 15 प्रतिशत तक छात्र सरकारी सेवा में आते हैं। निःशुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
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फेलोशिप अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति-घुमंतू जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग के बच्चों को दी जाती है। 40 से 45 हजार रुपए प्रति माह फेलोशिप दी जाती है। इस रकम का भुगतान तीन से पांच साल तक किया जा सकता है। हम धनगर समाज के सदस्यों को सैन्य प्रशिक्षण, प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण और युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 50 प्रतिशत राशि देने जा रहे हैं। महाज्योति राज्य सरकार की कंपनी है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
प्रत्येक परीक्षा में छात्रों का प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य, नई योजनाएं लाएंगे। इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचाना। महाज्योति का आयोजन तालुका के विभिन्न शिविरों में किया जाता है। इसके जरिए छात्रों तक योजना पहुंचाई जाती है। प्रत्येक योजना की जानकारी महाज्योति की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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