चंद्रशेखर बावनकुले और मनोज जरांगे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Chandrashekhar Bawankule: चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए सवालों के जवाब में कहा कि जरांगे द्वारा किए गए आरोपों की पुलिस जांच करेगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुझे पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन जिन लोगों के पास जानकारी है या जिनकी इसमें भूमिका है उन पर पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जरांगे ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसलिए जांच जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए। पुलिस को ध्यान देना चाहिए कि इसके पीछे कौन-कौन हैं। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जरांगे के आरोपों पर बावनकुले ने कहा कि सरकार आगे की कार्रवाई केवल उपलब्ध जानकारी और रिपोर्टों के आधार पर ही करेगी।
राजस्व विभाग को प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार तहसीलदार, मुद्रांक अधिकारी, दस्तावेज तैयार करने वाले, कंपनी के मालिक तथा खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं। पहले चरण में पंजीयन के समय हस्ताक्षर करने वालों पर मामला दर्ज किया गया है और गहन जांच के बाद और भी मामले दर्ज किए जाएंगे। दोषी पाए जाने वालों को निलंबित कर उनके खिलाफ अपराध दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विकास खारगे की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय समिति 1 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद अंतिम कार्रवाई की जाएगी।
1400 करोड़ की जमीन 300 करोड़ रुपये में हथियाने के मामले में पार्थ पवार का नाम आने पर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जांच में केवल लिखने वाले और लिखवाने वालों पर अपराध दर्ज हुए हैं। पार्थ पवार का इसमें कोई नाम नहीं है। अजीत पवार ने भी इस विषय पर अपनी स्पष्ट भूमिका रखी है। बावनकुले ने कहा कि जांच पूरी होने दी जाए। अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे या विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों की बजाय सरकार की कार्रवाई प्राथमिक रिपोर्ट और समिति की अंतिम रिपोर्ट पर आधारित होगी।
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राजस्व विभाग में सुनवाई के लिए प्रलंबित मामलों के संदर्भ में उन्होंने बताया कि जब वे मंत्री बने थे तब 1912-13 से लेकर अब तक लगभग 13,000 हियरिंग लंबित थीं। इनमें से 800 मामलों की सुनवाई पूरी की गई है और 700-800 मामलों को क्लोज्ड फॉर ऑर्डर किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्षों में सभी लंबित हियरिंग पूरी कर ली जाएंगी।
प्रत्येक जिले में लोक अदालतें आयोजित कर स्थानीय स्तर पर विवादों का निपटारा करने की दिशा में भी काम चल रहा है। उन्होंने शीतल तेजवाणी प्रकरण में कहा कि प्रारंभिक जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई। अजीत पवार ने भी इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच समिति किसी को भी बख्शेगी नहीं।