चुनाव जीतने वाले पति-पत्नी व मां-बेटा (सोर्स: सोशल मीडिया)
Political Dynasties In Nagpur Local Elections: चुनावी राजनीति में भाई-भतीजावाद की चर्चा आम है। नागपुर जिले के कुछ नगर परिषदों और नगर पंचायतों में हाल ही में हुए चुनाव परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मतगणना के बाद सामने आया कि सिर्फ एक पार्टी की जीत ही नहीं, बल्कि परिवारों की जोड़ी मां-बेटा और पति-पत्नी ने भी चुनावी मैदान में जीत का परचम लहराया। क्या यह केवल संयोग है या फिर राजनीति में फैले भाई-भतीजावाद और परिवारवाद का नया उदाहरण? वाड़ी और कोंढाली की ये जीतें हर किसी की निगाहें खींच रही हैं।
रविवार को घोषित हुए महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव परिणामों में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। नागपुर जिले के कोंढाली नगर पंचायत और वाड़ी नगर परिषद चुनावों में मां-बेटा तथा पति-पत्नी की जोड़ी की जीत ने राजनीतिक गलियारों में खासा ध्यान खींचा है।
वाड़ी नगर परिषद में शिवसेना (ठाकरे गुट) की युवा सेना के नेता हर्षल काकडे और उनकी पत्नी पूर्वा काकडे ने नगरसेवक पद पर जीत दर्ज की। हर्षल काकडे शिवसेना (ठाकरे गुट) की ओर से प्रभाग क्रमांक 4 से विजयी हुए, जबकि पूर्वा काकडे ने प्रभाग क्रमांक 7 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता। उन्हें बसपा का समर्थन प्राप्त था।
पूर्वा काकडे ने संकेत दिए हैं कि वे फिलहाल शिवसेना में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में उनके साथ रहे नरेंद्र मेंढे की हार से उन्हें व्यक्तिगत रूप से दुख हुआ है। जीत के बावजूद उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आगे भी मेंढे काका के नेतृत्व में ही जनसेवा का कार्य करेंगी।
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कोंढाली नगर पंचायत चुनाव में भी दिलचस्प परिणाम सामने आए। नगरसेवक पद के लिए भाजपा की उम्मीदवार हेमलता बालकिसन पालीवाल विजयी रहीं। खास बात यह रही कि उनके पुत्र अंकित बालकिसन पालीवाल ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार को पराजित कर नगरसेवक पद पर जीत हासिल की। इस तरह कोंढाली नपं में मां और बेटा दोनों नगरसेवक बने जो चुनाव परिणामों का सबसे चर्चित पहलू रहा।