नितिन गडकरी- सुनील केदार - देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Elections: स्थानीय निकाय चुनाव की रणभेरी बज गई है। चुनाव आयोग ने पहले चरण में राज्यभर की नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। 2 दिसंबर को वोटिंग होगी और 3 को मतगणना के साथ ही परिणाम भी आ जाएंगे। नागपुर जिले की 27 नगर परिषद व पंचायतों पर चुनाव होंगे। इन चुनावों को सत्तासीन भाजपा के लिए पहली अग्निपरीक्षा बताया जा रहा है तो कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई।
बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा इसलिए क्योंकि पूरा का पूरा विपक्ष वोट चोरी के मुद्दे पर आक्रामक है और यह मुद्दा जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। वहीं अतिवृष्टि व बाढ़ जैसे हालातों से ग्रामीण भागों में किसान सहित नागरिकों में नाराजी है। किसानों को नुकसान भरपायी तो दी गई है लेकिन विपक्ष इसे कमतर बताते हुए चुनौती दे रहा है।
जिले में बीजेपी के वजनदार नेता केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ ही महायुति में राज्य मंत्री आशीष जायसवाल के रहते हुए अगर पहले चरण के चुनाव का परिणाम पक्ष में नहीं आया तो आगामी चरण के जिला परिषद व मनपा चुनावों में भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। पहली अग्निपरीक्षा में भारी अंक अर्जित कर सफल होना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण ही साबित होगा।
वहीं विधानसभा चुनावों में जिले करारी पराजय के बाद कांग्रेस के सामने निकाय चुनाव में अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करना होगा। सत्ता की ताकत का मुकाबला वह किस तरह की रणनीति के साथ करती है, उस पर परिणाम निर्भर होगा। दिग्गज नेता पूर्व मंत्री सुनील केदार, उमरेड के विधायक संजय मेश्राम, पूर्व मंत्री राजेन्द्र मुलक के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई होगी।
चुनाव की घोषणा होते ही ग्रामीण भागों में राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर दौड़ गई है। वैसे तो भाजपा, कांग्रेस, राकां, शिवसेना सहित सभी पार्टियां बीते कुछ महीनों से चुनावी तैयारी में जुट गई थीं लेकिन अब तारीख क्लीयर होते ही हलचल तेज हो गई है। जिले में जिन 27 नप-नपं में चुनाव होने हैं जिनमें बहादुरा, बेसा पिपला, भिवापुर, बूटीबारी, डिगडोह, कलमेश्वर-ब्राम्हणी, कामठी, कांद्री-कन्हान, काटोल, खापा, कोंढाली, महादुला, मोहपा, मौदा, नरखेड़, निलडोह, पारशिवनी, रामटेक, सावनेर, उमरेड, वानाडोंगरी, बिड़गांव-तरोड़ी(खु।) पांढुर्णा, गोधनी रेलवे, कन्हान-पिपरी, मोवाड़, वाड़ी और येरखेड़ा का समावेश है।
चुनावी घोषणा के साथ ही चुनावी क्षेत्रों के लिए आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव लड़ने वालों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि आयोग ने अध्यक्ष व सदस्यों के लिए चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाई है। ‘अ’ वर्ग नगर परिषद अध्यक्ष के लिए 15 लाख और सदस्य के लिए 5 लाख रुपये खर्च मर्यादा की गई है।
‘ब’ वर्ग के लिए यह क्रमश: 11.25 लाख रुपये व सदस्य के लिए 3.50 लाख रुपये किया गया है। ‘क’ वर्ग के नगर परिषद अध्यक्ष उम्मीदवर 7.50 लाख और सदस्य 2.50 लाख रुपये खर्च कर पाएंगे। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए यह सीमा अध्यक्ष के लिए 6 लाख और सदस्य के लिए 2.25 लाख रुपये रखी गई है।
10 नवंबर से नामांकन दाखिल करना शुरू होगा। 17 तारीख नामांकन का अंतिम दिन होगा। 18 को स्क्रूटनी होगी और 21 नवंबर नाम वापसी की अंतिम तारीख है। अपील वाली सीटों में 25 नवंबर को नाम वापसी का अंतिम दिन है। 26 नवंबर को उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न का वितरण किया जाएगा व उम्मीदवारों की फाइनल सूची घोषित की जाएगी। चूंकि 2 दिसंबर को वोटिंग है और चुनाव प्रचार 48 घंटे पूर्व 30 नवंबर की शाम को बंद हो जाएगा। उम्मीदवारों को सिर्फ 27 से 30 नवंबर तक 4 दिन ही प्रचार के लिए मिलेंगे। 3 दिसंबर को मतों की गणना व परिणाम घोषित किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, चुनाव आयोग को 31 जनवरी के पूर्व सभी निकाय चुनाव करवाने हैं। पहले चरण का चुनाव सम्पन्न कराने के लिए आयोग ने लगभग 1 महीने का समय लिया। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि जिला परिषद का चुनाव दूसरे चरण में दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में लिया जा सकता है।
इसके लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोग कार्यक्रम घोषित कर सकता है। वहीं मनपा चुनाव के लिए दिसंबर के अंतिम सप्ताह में कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है। 3 महीनों में 3 चरणों के चुनाव होने के संकेत मिले हैं। 8 से 19 दिसंबर तक शीतकालीन अधिवेशन उपराजधानी में होने वाला है। समझा जा रहा है कि सत्र के दौरान जिला परिषद चुनाव की आचार संहिता लागू रहेगी।
सरकार कोई घोषणा नहीं कर पाएगी लेकिन सरकारी कामकाज व विधेयक पटल पर रखने जैसे कामकाज होंगे। वहीं महानगरपालिका क्षेत्रों से संबंधित कुछ निर्णय लिये जा सकते हैं। आचार संहिता के दौरान सरकार नीतिगत फैसले ले सकती है लेकिन ऐसा कोई पैकेज जाहिर नहीं कर सकती जिससे चुनाव के परिणाम प्रभावित हों।