डिजिटल क्लासरूम (सौजन्य-नवभारत)
Gondia Smart Anganwadi: गोंदिया जिले में 850 स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिससे बच्चों के पूरे विकास के साथ-साथ सुरक्षित और अच्छी शिक्षा भी मिल रही है। एकात्मिक बालविकास सेवा योजना के तहत, राज्य सरकार ने आंगनवाड़ियों को स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र में बदलने का फैसला किया है। इसके जरिए आंगनवाड़ियों को स्मार्ट आंगनवाड़ी किट दी गई हैं।
यह किट जिले की 850 आंगनवाड़ियों को दी गई है। सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों की वजह से, जिले की हर आंगनवाड़ी को बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, साफ-सफाई और उनके पालन-पोषण के लिए आधुनिक सामान दिया गया है। आधुनिकीकरण की वजह से, आंगनवाड़ियां न केवल बच्चों के लिए बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रही हैं।
आंगनवाड़ियों को फिजिकली अपडेट करके, पढ़ाई का माहौल बनाना, बच्चों का पूरा विकास करना और महिलाओं, बच्चों और किशोरों को अलग-अलग उपक्रम के जरिए अलग-अलग सेवा देना संभव है। जिला परिषद के महिला व बाल विकास अधिकारी कीर्तिकुमार कटरे ने बताया कि स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ाई और खेलने का सामान, स्मार्ट स्क्रीन, डिजिटल लर्निंग टूल शामिल है।
साथ ही बच्चों की स्वास्थ्य जांच का सामान, पोषण विषयक चार्ट और बाल विकास कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण मार्गदर्शन शामिल हैं। स्मार्ट आंगनवाड़ी में मिलने वाली सुविधाओं में स्मार्ट टीवी, शिक्षा, सही खिलौने, बच्चों के विकास के लिए ऑडियो-विजुअल सामान, वजन करने और नापने के उपकरण, साफ-सफाई का सामान, पीने का साफ पानी और सुरक्षा शामिल हैं।
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महिला व बाल विकास प्रकल्प में 89 पद रिक्त हैं। इस वजह से बच्चों को जरूरी सुविधाएं देने में दिक्कतें आ रही हैं। जिले में आंगनवाड़ी सेविकाओं के 13 पद रिक्त हैं, और मदतनीस के 56 पद अभी तक नहीं भरे गए हैं। पर्यवेक्षिका के 14 पद रिक्त हैं।
इस वजह से बार-बार आने और समुपदेशन न होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। सीडीपीओ के 6 पद सहित कुल 89 पद रिक्त हैं। पद भरने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही आंगनवाड़ी और मदतनीस के पदें भर दिए जाएंगे। ऐसी जानकारी कटरे ने दी।