लड़कियों का लॉ में एडमिशन (AI Generated Photo)
Nagpur University Law Admissions: राज्य कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल के माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए लागू पांच वर्षीय लॉ पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया में राज्य में 75.50 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित हुये। इनमें से 53 प्रतिशत लड़कियां और 46 प्रतिशत लड़कों ने प्रवेश लिया है। 10,267 विद्यार्थियों ने प्रवेश निश्चित किये हैं।
सीईटी सेल के माध्यम से पांच वर्षीय लॉ पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया 30 जून से शुरू हुई थी। यह प्रवेश प्रक्रिया 11 अक्टूबर तक चली। तीन महीनों में इस पाठ्यक्रम में लिए तीन प्रवेश राउंड और एक संस्थागत प्रवेश राउंड लिया गया। इन चार राउंड में राज्य के 161 लॉ कॉलेजों की 13,597 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया चली।
पिछले तीन वर्षों में पाठ्यक्रम में लड़कियों की रुचि ज्यादा देखने को मिल रही है। साथ ही प्रवेश प्रतिशत भी बढ़ रहा है। 2023-24 में 64.90 प्रतिशत, 2024-25 में 74.13 प्रतिशत और 2025-26 में 75.50 प्रतिशत विद्यार्थियों ने इस पाठ्यक्रम में अपना प्रवेश सुनिश्चित कराया था।
इन तीनों वर्षों में लड़कियों के प्रवेश की संख्या में भी वृद्धि हुई। 2023 से 2025 के बीच क्रमशः 51.37 प्रतिशत, 51.85 प्रतिशत और 53 प्रतिशत लड़कियों ने प्रवेश सुनिश्चित किया। पिछले तीन वर्षों की समीक्षा करें तो राज्य में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या में 1,124 की वृद्धि हुई है। साथ ही कॉलेजों की संख्या में भी 19 की वृद्धि हुई है। 2023 में 142 कॉलेज और 12,423 सीटें थीं। 2024 में 137 कॉलेज और 12,731 सीटें थीं जबकि 2025 में पांच वर्षीय लॉ पाठ्यक्रम के लिए 161 कॉलेज और 13,597 सीटें उपलब्ध थीं।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि से संलग्नित कॉलेजों की संख्या करीब 12 है। इनमें करीब 1,000 सीटें उपलब्ध हैं। इस बार करीब 700 से ज्यादा सीटें भरी हैं। इनमें लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। एक बात यह भी सामने आ रही है कि जिस तरह से प्रवेशित लड़कियों की संख्या बढ़ रही है उसी तरह ड्रॉपआउट होने में भी लड़कियां आगे है। जानकार मानते हैं कि अंतिम वर्ष आते-आते कुछ लड़कियां पढ़ाई ही छोड़ देती हैं। इसकी मुख्य वजह विषयों का कठिन होना भी है। एक बार पढ़ाई छूट जाने के बाद लड़कियां दूर हो जाती हैं।
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पहले की तुलना में वर्तमान में करिअर की संभावना बढ़ी है। नये-नये सेक्टर में जॉब तैयार हो रहे हैं। लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल होने के कारण ही प्रवेश के प्रति रुचि बढ़ी है। कार्य स्थल का वातावरण भी सुरक्षित होने से अभिभावक भी लड़कियों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रेरित करते हैं। अब प्रैक्टिस में भी महिलाएं बढ़ी हैं।
– डॉ. प्रवीणा खोबरागडे, प्राध्यापक, स्कूल आफ लॉ, नागपुर विवि
पिछले वर्षों में लॉ पाठ्यक्रम को अच्छा एक्सपोजर मिला है। इसकी वजह सोशल मीडिया भी है। नई-नई ब्रांच शुरू होने से करिअर की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। अभिभावकों का शैक्षणिक स्तर बढ़ने से बेटियों को लॉ पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि लॉ कठिन होता है, लेकिन लड़कियां हार्ड वर्क के लिए तैयार रहती हैं। कॉरपोरेट सेक्टर के साथ ही विदेशों में भी अच्छे जॉब मिल रहे हैं।
– रश्मिखापर्डे, अतिरिक्त सरकारी वकील