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नागपुर. भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में शहरभर से जमा होने वाले कचरे के कारण तथा समय-समय पर कचरे में आग लगने से आसपास की कई बस्तियों में धुएं की त्रासदी उजागर होती रही है. यहां तक कि लंबे समय से भांडेवाड़ी के डम्पिंग यार्ड को स्थानांतरित करने की मांग भी होती रही है. एक ओर जहां इस डम्पिंग यार्ड से लोगों को परेशानी है, वहीं दूसरी ओर डम्पिंग यार्ड में कितना मेडिकल वेस्ट (कचरा) पड़ा हुआ है इसकी जानकारी मनपा को नहीं है.
हाल ही में आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के बाद इसका खुलासा हुआ. सूत्रों के अनुसार शहर में स्थित सभी अस्पताल, क्लिनिक और पैथोलॉजी लेबोरेटरी से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को जमा करने तथा उसका निपटारा करने के लिए सुपर्ब हाइजेनिक कंपनी को ठेका आवंटित किया गया. इस कंपनी की ओर से जमा किए गए कचरे के अनुसार कितना कचरा पड़ा हुआ है. इस संदर्भ में जानकारी देना संभव नहीं होने का दो-टूक जवाब मनपा ने दिया है.
आरटीआई के तहत जानकारी देते हुए मनपा ने बताया गया कि वर्ष 2019 में कुल 1417.505 मीट्रिक टन मेडिकल वेस्ट जमा कर उसका निपटारा किया गया. इसी तरह वर्ष 2020 में 1509 मीट्रिक टन, वर्ष 2021 में 1350 मीट्रिक टन और वर्ष 2022 में अब तक 555 मीट्रिक टन कचरा संकलित किया गया. बताया जाता है कि प्रत्येक वर्ष अलग-अलग वजन से कचरा संकलित किया गया लेकिन इससे मनपा को हुई आय के अनुसार वर्ष 2019 में 34,40,695, वर्ष 2020 में 37,84,766, वर्ष 2021 में 37,84,766 और वर्ष 2022 में 37,84,766 रु. का राजस्व प्राप्त हुआ है.
मनपा द्वारा दी गई जानकारी और पूरी कार्यप्रणाली ही संदेह के घेरे में होने का कारण यह भी है कि प्रत्येक वर्ष अलग-अलग मीट्रिक टन कचरा जमा हुआ है लेकिन वर्ष 2020 के बाद से मनपा को राजस्व एक जैसा ही प्राप्त हुआ है. इसमें भी वर्ष 2022 में अब तक केवल 555 मीट्रिक टन कचरा संकलित किया गया लेकिन मनपा को केवल 6 माह के भीतर ही 37.84 लाख रु. की आय प्राप्त हुई है.
मनपा के नियमों का पालन नहीं किए जाने पर कितने अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया? इसके अलावा कंपनी पर वर्ष 2019 के बाद से अब तक कितना जुर्माना ठोका गया? इसकी जानकारी मांगी गई थी. इस पर मनपा की ओर से बताया गया कि यह मनपा के कामकाज से संबंधित ही नहीं है. उल्लेखनीय है कि मनपा के एनडीएस दस्ता कई बार अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करता है. मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे में मिलाए जाने के लिए अस्पतालों पर 25-25 हजार रु. का जुर्माना ठोका जाता है लेकिन आश्चर्यजनक यह है कि मनपा के कामकाज से यह संबंधित नहीं होने की जानकारी उजागर की जा रही है, जबकि मनपा में स्वास्थ्य अधिकारी (एम) तथा अन्न निरीक्षक ने उक्त जानकारी उपलब्ध कराई गई है.