
महिला ग्रामसेविका श्वेता खांडे निलंबित (सौजन्य-नवभारत)
Gram Sevika Shweta Khande Suspend: भारी बारिश से हुए नुकसान के पंचनामा के बदले किसानों से पैसे मांगने के आरोप में ग्रामसेविका श्वेता खांडे को निलंबित कर दिया गया है। नागपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी ने यह कार्रवाई करते हुए निलंबन आदेश जारी किया है।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब ग्रामसेविका द्वारा किसानों से वसूली की बात सामने आई। इस मुद्दे पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भी सरकार पर निशाना साधा था। नागपुर जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। आदेश के आधार पर पंचायत समिति नरखेड़ के ग्रुप डेवलपमेंट ऑफिसर ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की थी।
जांच कमेटी में विस्तार अधिकारी विनोद शृंगारे और कृषि विस्तार अधिकारी पंकज चव्हाण शामिल थे। जांच रिपोर्ट में ग्रामसेविका श्वेता खांडे को दोषी पाया गया, जिसके बाद जिप प्रशासन ने उनके निलंबन का आदेश जारी किया। खांडे मुक्तापुर पेठ में ग्रामसेविका के पद पर कार्यरत थीं। उनके निलंबन से किसानों में न्याय की भावना मजबूत हुई है।
कंप्यूटर ऑपरेटर और किसान के बीच की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें किसान अपने अकाउंट में 6,800 रुपये जमा होने और उसमें से 4,800 रुपये ‘मैडम’ को लौटाने की बात कर रहा था। आरोप था कि यह रकम पंचनामा कराने के एवज में मांगी गई थी।
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ग्रामसेविका को किसानों से पैसे मांगने में दोषी पाया गया है। इस मामले को दबाने की बहुत कोशिश हुई, लेकिन मैंने लगातार फॉलोअप किया। चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर से मिलकर सारी बात रखी। खांडे के निलंबन से आज किसानों को न्याय मिला है और इससे राहत भी मिली है।
अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी किसानों को गलत तरीके से परेशान करता है, तो हम कानूनी लड़ाई लड़कर किसानों को इंसाफ दिलाएंगे। दोषियों को बिल्कुल नहीं छोड़ा जाएगा।
– सागर दुधाने, जिला अध्यक्ष, क्रांतिकारी किसान संघ।






