धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार (डिजाइन फोटो)
Fraud Case: सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से लाखों की ठगी करने वाले आरोपी को कुही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी का नाम सैनिक कॉलोनी, शेगांव, जिला बुलढाना निवासी पुरुषोत्तम ज्ञानदेव बिलेवार (42) है जो खुद को पूर्व सैनिक बताता है। घटना के संबंध में फरियादी ने 15 सितंबर 2025 को कुही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोपी बिलेवार ने फरियादी और उसके साथियों से यह कहते हुए कुल 14,60,000 रुपये की ठगी की थी कि वह उन्हें सरकारी नौकरी दिला सकता है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 318(2), 318(4) भा.दं.सं. 2023 के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने कुल 11 बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है और कुल ठगी की रकम 34,60,000 तक पहुंच गई है।
नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल म्हस्के तथा उपविभागीय पुलिस अधिकारी वृष्टी जैन के मार्गदर्शन में कुही पुलिस ने तकनीकी सबूतों के आधार पर शेगांव, जिला बुलढाना में छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में शेगांव ग्रामीण पुलिस का भी सहयोग रहा। आरोपी के घर की तलाशी में पैसे गिनने की मशीन बरामद की गई।
पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद की ‘समर्थ करिअर एकेडमी’ नामक यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए बेरोजगार छात्रों से संपर्क बनाता था। वह रेलवे, सेना (आर्मी), पुलिस आदि सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने और मेडिकल क्लियर करवाने का लालच देकर युवाओं से मोटी रकम वसूलता था।
आरोपी का शेगांव में ‘समर्थ करिअर एकेडमी’ नामक प्रशिक्षण संस्थान और शिर्डी रोड पर ‘बहीरम हंडी’ नामक होटल भी है। उसे गिरफ्तार कर 14 अक्टूबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर रखा गया है। पुलिस ने नागरिकों और विद्यार्थियों से अपील की है कि यदि कोई इस तरह की ठगी का शिकार हुआ हो तो तुरंत कुही पुलिस स्टेशन से संपर्क करे।
नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति के साथ 8 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। गिट्टीखदान पुलिस ने पुलिस लाइन क्वार्टर निवासी बलराम बिसन कांबले (40) की शिकायत पर मामला दर्ज किया। आरोपी बालीपीर, बीड निवासी विक्रम बाबासाहब डोंगरे बताया गया, बलराम की पत्नी सिटी पुलिस में नौकरी करती है। बलराम नौकरी की तलाश में है और तलाठी परीक्षा की तैयारी जारी है। विक्रम से उनकी पुरानी पहचान थी।
बीते वर्ष सितंबर महीने में विक्रम ने उन्हें फोन किया। मंत्रालय में अच्छी पहचान होने की जानकारी दी। उन्हें तलाठी पद पर नियुक्ति दिलाने का झांसा दिया और इसके लिए 20 लाख रुपये की जानकारी दी। बलराम ने उस पर विश्वास कर लिया, एडवांस के तौर पर विक्रम के खाते में 8 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
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जब तलाठी परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट आई ती बलराम का नाम नहीं था, विक्रम से संपर्क करने पर वह अलग-अलग बहाने बताने लगा। बलराम ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपी ने चेक जारी कर दिया। बलराम ने चेक बैंक में जमा किया तो रकम नहीं होने के कारण बाउंस हो गया, विक्रम पैसे लौटाने का आश्वासन देकर टालता रहा, आखिरकार बलराम ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने घोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी।