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नागपुर. वन विभाग में संदेह की स्थिति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों ने यह स्पष्ट किया था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं हुई. फिजिकल टेस्ट में दौड़ के बाद उम्मीदवारों को उनके परिणाम नहीं बताए गए. इस मुद्दे पर वन अधिकारियों ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारर्दशित रखी गई. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों की ओर से हवाला दिया गया कि टेक्निकल दिक्कतों के कारण परिणाम घोषित करने में विलंब हुआ लेकिन फॉरेस्ट भर्ती के बाद जारी की गई लिस्ट कुछ और ही बयान कर रही है. यदि सीधे शब्दों में कहा जाए तो लिस्ट जारी होने के बाद फॉरेस्ट भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता का पर्दाफाश हो गया है. हैरान कर देने वाली बात है कि वन विभाग द्वारा लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट देने वाले उम्मीदवारों की 2 मेरिट लिस्ट जारी की गई.
इसमें पहली सूची में 10 मिनट में 5 किमी दौड़ पूरी करने का रिकॉर्ड देखने मिला. ताज्जुब की बात है कि पूरे देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक महाराष्ट्र के नागपुर में वन भवन, एफडीसीएम मौजूद है. नागपुर वन विभाग की कमान संभालने के लिए डिवीजनल कार्यालय में उपवनसंरक्षक समेत वन भवन में राज्य के वन बल प्रमुख और वनसंरक्षक मौजूद है. इसके बावजूद सिटी में पूरी की गई फॉरेस्ट भर्ती के दौरान इतना झोल देखने को मिला. सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों ने वन विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई. सवाल उठाया गया कि इतना बड़ा निगम होने के बावजूद इस तरह की स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही हैं. इसी के साथ जानकारी मिली है कि इस विषय पर जांच बैठाने के लिए उपमुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा गया है.
ज्ञात हो कि नागपुर में फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती के लिए गत अगस्त में लिखित परीक्षा ली गई थी. 21 से 26 फरवरी और 4 मार्च को फिजिकल टेस्ट पूर्ण किया गया. इस दौरान युवकों को 5 किमी और युवतियों को 3 किमी की दौड़ पूरी करने का टॉस्क दिया गया था. इसके बाद 9 मार्च की रात वन विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया की लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में कुछ युवा उम्मीदवारों के परिणाम देख पैरों तले जमीन खिसक गई. प्रथम लिस्ट के अनुसार 5 किमी की दौड़ में युवाओं ने केवल 10.35 मिनट, 10.26 मिनट और यहां तक कि 10.7 मिनट का समय लिया. प्रथम लिस्ट में ऐसे और भी परिणाम देखने को मिले. इससे यह संदेह पैदा हो गया कि कहीं तकनीकी खराबी के चलते प्रथम लिस्ट में सच्चाई प्रकाशित हो गई है. हालांकि की कुछ समय बाद लिस्ट को हटा दिया गया. प्रथम लिस्ट हटाकर कर दूसरी लिस्ट जारी की गई जिसमें 10 मिनट में 5 किमी दौड़ पूरी करने वाले उम्मीदवारों के नाम लिस्ट के सीरियल नंबर से गायब हो गए.
जानकारों ने बताया कि एथलीट को भी लंबी दौड़ में कम से कम 3 मिनट प्रति किमी का समय लगता है. यदि नेशनल लेवल एथलीट की बात करें तो भी 5 किमी की दौड़ के लिए करीब 12 मिनट लगते हैं. वन विभाग में भर्ती देने आए युवा कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन इन युवाओं के लिए 10 से 10.30 मिनट में 5 किमी की दौड़ पूरी करना लगभग नामुमकिन है. यदि यह युवा इतने कम समय में इतना फासला तय कर सकते हैं तो इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जाना चाहिए. यदि लिस्ट में इस तरह का समय प्रकाशित हुआ है तो यह सीधे-सीधे संदेह की ओर रुख कर रहा है.
वन विभाग में जारी की गई फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया में कई संदेह की स्थिति नजर आ रही है. इसके अलावा हाल ही में 1 दिन में प्रमोशन और पोस्टिंग का भी खुलासा हुआ. यह बात सच साबित हुई लेकिन इस ओर जांच में गंभीरता नहीं दिख रही. अब वन विभाग द्वारा जारी की गई 2 लिस्ट पर संदेह जा रहा है. आखिर पहली लिस्ट में कुछ उम्मीदवारों का समय कम कैसे दिखाया गया. इस दिशा में स्टेरॉयड के एंगल से भी जांच की जानी चाहिए. यदि उम्मीदवारों ने स्टेरॉयड का उपयोग किया है तो कार्रवाई करने की आवश्यकता है. प्रक्रिया बाधित हुई और एक उम्मीदवार को अपनी जान गवानी पड़ी. इसकी भी जांच होना जरूरी है. भर्ती प्रक्रिया में नियुक्त किए गए सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा 20 फरवरी को मिहान परिसर में मॉक ड्रिल की गई. इसके बावजूद 21 फरवरी को इतनी बाधाएं उत्पन्न होना हैरानी की बात है.
-पंजाब भोकरे, अध्यक्ष, वसुंधरा फाउंडेशन
वन विभाग की ओर से सभी उम्मीदवारों के अंक सटीकता से नोट किए गए थे. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद केवल एक ही लिस्ट फाइनल की गई. 9 मार्च की रात पहले जो लिस्ट जारी की गई थी, उसमें पीडीएफ कनवर्टिंग के दौरान टेक्निकल समस्या आई. इस कारण 8-9 उम्मीदवारों के अंक गलत प्रकाशित हुए. इस पर तत्काल एक्शन लिया गया. 15-20 मीटर में लिस्ट को हटा दिया गया और त्रुटियां सुधार कर सही लिस्ट जारी कर दी गई. किसी भी उम्मीदवार के साथ भेदभाव नहीं किया गया है.
-डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक
वन विभाग की भर्ती के लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी. फॉरेस्ट गार्ड की लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद भविष्य उज्जवल बनने की संभावना अधिक बढ़ गई. गत 24 फरवरी को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया. भर्ती प्रक्रिया में हर उम्मीदवार ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. 5 किमी दौड़ पूरी करने के बाद सबके मन खट्टे हो गए. किसी को परिणाम नहीं बताए गए. वन विभाग से अपील है कि उम्मीदवारों के अंक पारदर्शित रखें. साथ ही 5 किमी की दौड़ के लिए दिए गए समय 17 मिनट को बढ़ाया जाए.
-उम्मीदवार, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती