CBSE छात्र (pic credit; social media)
Maharashtra News: शिक्षा विभाग द्वारा वर्षभर की छुट्टियों के बारे में सत्रारंभ के दौरान ही कार्यक्रम तय कर लिया जाता है। छुट्टियों का कार्यक्रम सभी माध्यम और बोर्ड की स्कूलों के लिए अनिवार्य होता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से स्टेट और सीबीएसई बोर्ड की स्कूलों में छुट्टियों में एकसूत्रता देखने को नहीं मिल रही है।
यही स्थिति मंगलवार को भी देखने को मिली। स्टेट के साथ ही सीबीएसई के कुछ स्कूलों ने हरतालिका तीज की छुट्टी घोषित की लेकिन कई स्कूलों ने छुट्टी नहीं दी। इससे अभिभावकों में संभ्रम की स्थिति बनी रही।
सिस्वा संगठन द्वारा छुट्टियों में समानता के लिए पिछले वर्षों से आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन के परिणामस्वरूप माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से एक परिपत्रक जारी किया गया। जिसमें छुट्टियों में समानता रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मंगलवार को स्टेट बोर्ड के स्कूलों में हरतालिका की छुट्टी थी, जबकि सीबीएसई बोर्ड के कई स्कूलों ने छुट्टी नहीं दी। कुछ स्कूलों ने सुबह के वक्त अभिभावकों को मैसेज भेजकर छुट्टी होने की जानकारी दी। इससे अभिभावकों के साथ ही छात्रों में संभ्रम की स्थिति बनी रही।
बताया जाता है कि पिछले कुछ वर्षों से सीबीएसई बोर्ड के स्कूल स्टेट बोर्ड की तरह छुट्टियां नहीं देते। यह स्कूल कुछ विशेष अवसरों पर अधिक छुट्टियां देते हैं। छुट्टियों में असमानता से छात्रों में एक तरह से भेदभाव की भावना पैदा होती है।