नागपुर. शुक्रवार को एम्स में कर्मचारियों द्वारा अचानक काम बंद किये जाने से अफरातफरी मच गई. करीब 4-5 घंटे तक टेक्निशियन, डेटा एंट्री ऑपरेटर, हाउसकीपिंग, इंजीनियर, अटेडेंट सहित सभी कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया. इस बीच मरीज भटकते रहे. छुट्टियों में कटौती किये जाने के विरोध में कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ने लगी है. इस संबंध में शनिवार को प्रबंधन से मिलकर समस्या के समाधान की मांग की जाएगी.
एम्स में डॉक्टरों और नर्सों को छोड़कर शेष स्टाफ ठेकेदारी पद्धति पर कार्य रहा है. इस बीच ठेकेदारी कर्मचारियों का टेंडर बदल गया. नये टेंडर में छुट्टियों में कटौती की गई है. पहले 18 वार्षिक छुट्टियां मिलती थी लेकिन नये टेंडर के अनुसार 12 छुट्टियां कर दी गई है. कर्मचारियों को इस संबंध में जानकारी मिलते ही सभी एकत्रित हो गये. सभी ने काम बंद कर दिया. रिसेप्शनिस्ट से लेकर डेटा एंट्री ऑपरेटर तक ने काम बंद कर दिया. इस वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लग गई. पश्चात प्रशासन की ओर से तुरंत पर्यायी व्यवस्था की गई. साथ ही कर्मचारियों से चर्चा कर लिखित आश्वासन देने की बात कही गई.
कर्मचारी करीब 4-5 घंटे तक काम पर नहीं लौटे. केवल इमरजेंसी सेवा ही जारी रही. बताया गया कि करीब 200 कर्मचारी हैं जो ठेका पद्धति पर कार्य रहे हैं. अब शनिवार को प्रबंधन के साथ चर्चा की जानी है. इस चर्चा में छुट्टियों की कटौती रद्द नहीं की गई तो फिर कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.