Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • होम
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नागपुर: खतरे में कपास किसानों का भविष्य! मार्केट में नहीं मिल रहा मूल्य, सरकारी खरीदी केंद्र भी खाली

Cotton Farmers: विदर्भ की इकोनॉमी में कपास का बहुत बड़ा हाथ है। लाखों किसान कपास पर निर्भर हैं लेकिन इस बार देर तक चली बारिश ने कपास किसानों की दिवाली अंधेरे में कर दी है।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Nov 09, 2025 | 02:17 PM

कपास उत्पादन (सौजन्य-सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Nagpur News: विदर्भ की इकोनॉमी को बूस्ट देने में कपास सेक्टर का बहुत बड़ा हाथ है। लाखों किसान इसी पर निर्भर हैं लेकिन इस बार देर तक चली बारिश ने कपास किसानों की दिवाली अंधेरे में कर दी, भविष्य को लेकर भी संशय जारी है। खुले बाजार में रेट नहीं मिल रहा है। सरकार रेट ज्यादा दे रही है, लेकिन ‘शर्ते’ काफी हैं, जिसके कारण अब तक किसान केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

इसी प्रकार सरकार ने ‘कपास किसान’ एप पर पंजीयन कराने को कहा है। इसमें अब तक विदर्भ से 3।9 लाख किसानों ने पंजीयन कराये हैं परंतु केंद्र तक नहीं पहुंच पाए हैं। यह सही है कि बारिश ने किसानों के हाथ में धन आने से रोक दिया है। इससे किसानों की संकट बढ़ गया है और उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

दर कम, फसल गीली

कपास क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि बारिश के कारण कपास गीला है। यही कारण है कि दिवाली तक कपास किसान मार्केट में नहीं पहुंच पाए। अब भी वही हालत है। कपास में 20 फीसदी तक नमी है जबकि सरकारी एजेंसी 8 से 10 फीसदी नमी वाले कपास की खरीदी कर रही है।

ऐसे में किसानों के पास कपास बेचने का विकल्प ही खत्म हो जाता है क्योंकि निजी प्लेयर कपास के लिए 7200-7300 क्विंटल का भाव दे रहे हैं, जबकि सरकारी की एमएसपी 8110 रुपये है। विदर्भ कॉटन एसोसिएशन के भावेश शाह कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ही कपास का भाव 7100-7200 रुपये क्विंटल चल रहा है। ऐसे में व्यापारी महंगा कपास लेने को तैयार नहीं हैं।

सरकारी खरीद ही एकमात्र विकल्प

व्यापारियों का कहना है कि कीमत का जो गणित चल रहा है, ऐसी स्थिति में किसानों के लिए सरकारी केंद्र ही एकमात्र विकल्प है। निजी प्लेयर रिजेक्ट माल ही खरीद सकेंगे, जबकि अच्छे माल के लिए किसानों को एमएसपी पर निर्भर रहना होगा परंतु सरकारी खरीद शुरू होने में विलंब हो रहा है और प्रमुख क्षेत्रों में पहुंच नहीं के बराबर है। इससे समस्याएं खड़ी हो गई हैं।

खरीद केंद्र के लिए 337 ने भरा टेंडर

शाह ने बताया कि सीसीआई ने खरीद केंद्र शुरू करने के लिए टेंडर बुलाये थे। विदर्भ में लगभग 377 जिनिंग मिलों ने टेंडर भरा था। इसमें से 40-42 को रद्द कर दिया गया। 337 को मान्य किया गया है, लेकिन शर्तें ऐसी हैं कि खरीद केद्र शुरू करना मुश्किल हो रहा है। उनका कहना है कि कपास किसानों की सहूलियत के लिए अधिक से अधिक केंद्र शुरू करने की जरूरत है ताकि किसान अपने आस-पास में ही कपास बेच सकें।

इससे उनका समय और परिवहन लागत बचेगी। सीसीआई एल-1 बोली लगाने वालों का ही चयन कर रही है जबकि किसान हित में जरूरी है कि एल-1, एल-2 और एल-3 वाले को भी मौका मिले। सीसीआई का प्रोसेस जितना सरल होगा किसानों को माल बेचने में उतनी आसानी होगी।

सीसीआई ने शुरू किए 89 केंद्र

कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) विदर्भ के उप महाप्रबंधक ब्रजेश कसाना का कहना है कि सीसीआई के विदर्भ में 89 केंद्र शुरू हो चुके हैं। बारिश के कारण किसान केंद्रों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। महज 4-5 केंद्रों में छिटपुट खरीदी शुरू हो पाई है। उनका कहना है कि सीसीआई केंद्र खोलने को तैयार है।

इसके लिए पूरी प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीदी करने के लिए ‘किसान कपास’ एप शुरू किए हैं। विदर्भ के लगभग 3.9 लाख किसान इसमें पंजीयन करा चुके हैं। इसमें केंद्र, समय चुनने का विकल्प है। किसान निकटतम केंद्र में अपने समय पर पहुंचकर कपास की बिक्री कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें – मंजूर करनी है तो करें, नहीं तो…नितिन गडकरी ने किसे लगाई फटकार? बोले- फाइलों को दबाकर न रखें

  • 3.9 लाख कपास किसान एप में पंजीकृत
  • सीसीआई ने खोले 89 केंद्र
  • 300 से अधिक केंद्र खोलने की मांग
  • कुछ ही केंद्रों पर पहुंच रहा कपास

18.10 लाख गांठ की हुई थी खरीदी

कसाना ने बताया कि पिछले वर्ष सीसीआई ने विदर्भ में 18.10 लाख क्विंटल कपास की खरीदी की थी। यह महज 64 केंद्रों में ही हुई थी। इस बार विकल्प काफी खुले है। हमें उम्मीद है कि सरकारी केंद्रों पर ज्यादा कपास आएंगे क्योंकि निजी क्षेत्र में कपास को कम भाव मिल रहा है। सीसीआई ने अपील की है कि किसान कपास को सुखाकर केंद्रों में पहुंचें ताकि उन्हें अधिक मूल्य मिल सके।

50-55 लाख गांठ उत्पादन की उम्मीद

शाह ने बताया कि इस बार पूरे देश में विदर्भ में कपास का उत्पादन शानदार रहा है। हालांकि लेट बारिश से कुछ परेशानियां बढ़ी हैं और उत्पादन अनुमान में गिरावट भी आयी है। इसके बाद भी 50-55 लाख गठान उत्पादन होने की उम्मीद है। सेकंड फेज (दिसंबर) में बेहतर कपास आने की संभावना है और क्वालिटी भी शानदार होगी।

Cotton farmers market prices low government procurement centers empty

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 09, 2025 | 02:17 PM

Topics:  

  • Maharashtra
  • Nagpur
  • Nagpur News

सम्बंधित ख़बरें

1

BJP Candidate Selection: नागपुर में कोर कमेटी की अहम बैठक, पार्टी फूंक-फूंककर उठा रही कदम

2

ठाणे में मानव तस्करी का भंडाफोड़, 7 दिन के बच्चे को छह लाख में बेचने की कोशिश, 5 गिरफ्तार

3

Amravati News: भातकुली के लिए नए एसटी बस की मांग, भाजपा ने सौंपा ज्ञापन

4

भाजपा को लेकर देवयानी फरांदे की चुप्पी टूटी, कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय पर जताई नाराजगी

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.