फडणवीस की जीत पर बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार महायुति गठबंधन की महाजीत हुई। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की महाजीत को लेकर विपक्ष में हंगामा हो गया है और सरकार के सत्ता में आने के एक महीने बाद भी विपक्ष को यह जीत हजम नहीं हुई और इस जीत का कड़ा विरोध होने लगा है और अब इसके लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है।
कांग्रेस नेता प्रफुल्ल विनोदराव गुडधे के इस कदम से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अड़चने अब बढ़ सकती है और उनकी कुर्सी को भी खतरा हो सकता है। बता दें कि विपक्ष पहले ही इस ताक में बैठा हुआ है और फडणवीस के खिलाफ खड़ा होने का बस एक मौका ढूंढ रहा है।
देवेंद्र फडणवीस और गठबंधन पर सवाल खड़ा करने के लिए विपक्ष पहले ही कई कदम उठा चुका है, जैसे कि नतीजे आने के बाद विपक्ष ने महायुति के साथ-साथ चुनाव आयोग पर आरोप लगाना, ईवीएम मशीन पर भी आरोप लगाना और जनता के फैसले पर सवाल खड़े करना। इन मुद्दों को लेकर राज्य में विपक्ष ने कई दिनों तक हंगामा किया था और अब एक और कदम उठाया है। हालांकि, इसके बाद भी महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बन गई है।
कांग्रेस नेता प्रफुल्ल विनोदराव गुडधे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जीत में प्रक्रियागत खामियों का दावा करते हुए शनिवार को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ का दरवाजा खटखटाया।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए पिछले साल हुए चुनाव में गुडधे नागपुर दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में फडणवीस से 39,710 मतों से हार गए थे। गुडधे के वकील एबी मून ने बताया कि उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, क्योंकि चुनाव के दौरान ‘‘कई अनिवार्य प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।”
मून ने कहा कि उन्होंने अदालत से परिणाम को ‘‘अमान्य” घोषित करने का आग्रह किया है। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता यशोमति ठाकुर जिन्हें तिओसा सीट से हार मिली थी, पार्टी के उनके पांच सहयोगियों और एक राकांपा (एसपी) नेता ने भी इसी तरह की याचिकाएं दायर की हैं।
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महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए आम चुनावों के नतीजे शनिवार, 23 नवंबर को घोषित किए गए। हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने कुल 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से 230 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दल- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं, और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं।
इसके विपरीत, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारा झटका लगा, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीटें हासिल कीं, और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) को सिर्फ़ 10 सीटें मिलीं।