(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Protest in Nagpur For Employment: नागपुर तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना घोषित कर आश्वस्त किया था कि प्रति वर्ष 10 लाख युवाओं को कौशल्य विभाग अंतर्गत सरकारी व स्थानीय निकाय संस्थाओं में प्रशिक्षण देकर उन्हीं विभागों में स्थायी करेंगे लेकिन अब तक किसी को भी स्थायी रोजगार नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षणार्थी सहायक संगठन ने ऐसे सभी 1.34 लाख प्रशिक्षणार्थियों संबंधित विभागों में स्थायी करने की मांग को लेकर नागपुर के संविधान चौक पर आंदोलन किया। संगठन के कार्याध्यक्ष बालाजी पाटिल चाकूरकर के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में राज्यभर से बड़ी संख्या में प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए।
आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मांग की कि उन्हें स्थायी रोजगार दिया जाए। चाकूरकर ने कहा कि नियमित रोजगार की मांग को लेकर मंत्री मंगलप्रभात लोढा को कई बार निवेदन दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
शिंदे द्वारा उपरोक्त घोषणा के बाद अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले राज्यभर के 1.34 लाख युवाओं ने विविध विभागों में 11 महीने का प्रशिक्षण पूर्ण किया। सभी ने यह सोचकर प्रशिक्षण लिया कि उन्हें सरकारी नौकरी मिल रही है। अब वे प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र लेकर कहां जाएंगे।
आंदोलनकारियों ने कहा कि इस प्रमाणपत्र की कोई वेल्यू नहीं है। सरकारी विभागों, संस्थाओं में काम करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को बाहर कोई नौकरी देने वाला नहीं है। आरोप लगाया कि यह घोषणा केवल चुनावी जुमला था। इसके पूर्व मुंबई में भी अनेक आंदोलन हुए लेकिन सरकार नजरअंदाज कर रही है। मांग की गई कि सभी प्रशिक्षणार्थियों को नियमित स्थायी रोजगार मिलना चाहिए।
यह भी पढ़ें:- निकाय चुनाव के लिए नागपुर की प्रभाग रचना का ऐलान, 38 में से 4 के बदले आंकड़ें, बाकी वहीं रिपीट
प्रशिक्षणार्थियों का मानधन दोगुना किया जाए। जिस दिन से प्रशिक्षण शुरू हुआ उस तिथि से प्रशिक्षणार्थियों की आयु आंकी जाए। अंशकालीन प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सरकार की सीधी भर्ती सेवा में भी 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग की गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि मांग जब तक पूरी नहीं होगी तीव्र आंदोलन किया जाएगा।