देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-नवभारत)
Bhosla Defence University: रक्षा उत्पादन क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उद्यमी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही तीन केंद्रीय डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे रक्षा और उत्पादन क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक आधारित विशेषज्ञ और कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भोसला डिफेंस यूनिवर्सिटी का योगदान महत्वपूर्ण होगा। यूनिवर्सिटी को भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। यह कहना है मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का।
सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन संस्था द्वारा नागपुर में भोसला डिफेंस यूनिवर्सिटी शुरू की जा रही है। रक्षा से संबंधित विश्वविद्यालय कैसा होना चाहिए तथा देश के रक्षा उत्पादन क्षेत्र में यूनिवर्सिटी की भूमिका क्या होनी चाहिए, इस विषय पर आयोजित चर्चा सत्र में वे बोल रहे थे।
फडणवीस ने आशा जताई कि भारत के रक्षा, उत्पादन और रिसर्च क्षेत्र के लिए यूनिवर्सिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पाठ्यक्रम शामिल किए जाने चाहिए। विश्व स्तर पर रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों की मांग बढ़ रही है। इस क्षेत्र में उत्पाद की गुणवत्ता और प्रमाणीकरण पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी मुंबई की तरह विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनना इस संस्था के निर्माण का उद्देश्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र के उत्पादों के साथ निर्यात को प्रोत्साहित किया है जिससे नागपुर में डिफेंस इंडस्ट्री शुरू हुई है। नागपुर रक्षा उत्पादों का प्रमुख केंद्र बन रहा है। इसलिए यह यूनिवर्सिटी महत्वपूर्ण हो जाती है।
संस्था के उपाध्यक्ष जोगलेकर ने बताया कि लगभग 52 एकड़ में डिफेंस यूनिवर्सिटी की शुरुआत हो रही है जिसमें रक्षा, उत्पादन और रिसर्च से संबंधित विषयों के पाठ्यक्रम शामिल होंगे। यहां आधुनिक प्रयोगशालाएं और परीक्षण क्षेत्र होंगे और इसे देश का एक अग्रणी विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य है। संस्था के अध्यक्ष सूर्यरतन डागा, सदस्य दिलीप चव्हाण, रतन पटेल, सचिव राहुल दीक्षित, कोषाध्यक्ष संजय जोशी, कर्नल अमरेंद्र हरदास, सारंग लखानी, हेमंत देशपांडे और मानसी गर्ग भी उपस्थित थे।
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इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, मनोज पांडे, एयर मार्शल शिरीष देव, ले. जनरल डॉ. राजेंद्र निंभोरकर, ले. जनरल डॉ. माधुरी कान्हेटकर, प्रा. अनिल सहस्त्रबुद्धे, बाबासाहब एन. कल्याणी, सत्यनारायण नुवाल, डॉ. जयजीत भट्टाचार्य, नितिन गोखले, डॉ. विजय चौथाईवाले, एड. सुनील मनोहर, श्रीहरी देसाई, प्रा. मकरंद कुलकर्णी, महेश दाबक, आशीष कुलकर्णी, नारायण रामास्वामी, संस्था के उपाध्यक्ष शैलेश जोगलेकर, राहुल दीक्षित आदि उपस्थित थे।