Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Dussehra 2025 |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

Nagpur News: 6 माह में नायलॉन मांजा की बलि चढ़े 33 पक्षी, 2022-23 की शुरुआत में मिले 352 घायल

  • By navabharat
Updated On: Jan 07, 2024 | 07:30 AM
Follow Us
Close
Follow Us:

नागपुर. दिसंबर माह के अंत से बच्चों में मकर संक्रांति का क्रेज शुरू हो जाता है. पतंग के शौकीन प्रतिद्वंद्वियों की पतंग काटने के लिए मजबूत से मजबूत मांजा के उपयोग को प्राथमिकता देते हैं. चाइनीज मांजा कहा जाने वाला नायलॉन मांजा का उपयोग अधिक बढ़ गया है. ऐसे में यह मनुष्यों समेत जानवरों के लिए भी यह खतरा साबित हो रहा है. नायलॉन मांजा पक्षियों के लिए सर्वाधिक घातक साबित हो रहा है. वर्ष 2022 एवं 2023 के शुरुआती 3 महीनों में सिटी में नायलॉन मांजा  में फंसे पक्षियों के कुल 352 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 33 पक्षी इस मांजा की बलि चढ़ गए. हालांकि बीते 2 वर्षों के पहले 3 माह के रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के अलावा कई अन्य मामले भी शामिल हैं. ऐसे में नायलॉन मांजा की बलि चढ़े पक्षियों की संख्या दोगुनी से अधिक होने की संभावनाएं है.

पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले त्योहार मकर संक्रांति की शुरुआत हो गई है. हालांकि मकर संक्रांति हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में जाने के साथ मनाई जाती है लेकिन बच्चों और युवाओं में पतंग उड़ाने का क्रेज दिसंबर के अंत से ही शुरू हो जाता है. कई युवा प्रतिबंधित नायलॉन मांजा का उपयोग करते हैं. नायलॉन मांजा के कारण लोग अपनी जान तक गंवा बैठे हैं. पक्षियों के लिए यह मांजा अधिक खतरनाक साबित होता है. दिन-ब-दिन पक्षियों की संख्या घटती जा रही है.

दशकों पहले तक पक्षियों को घरों के छज्जों, आंगन एवं छत पर बैठे देखना आम था. अब तो ऐसा नजारा देख पाना दुर्लभ हो गया है. इसका एक मुख्य कारण है नायलॉन मांजा. पंतग कट जाने पर कई बार नायलॉन मांजा पेड़ों में फंस जाता है. मजबूत और टिकाऊ होने के कारण यह दशकों तक नष्ट नहीं होता. ऐसे में पेड़ों पर बैठने आए पक्षियों के गले, पंख, पंजों आदि में यह मांजा उलझ जाता है. खुद को छुड़ाने के प्रयास में पक्षी फड़फड़ाते हैं लेकिन इस कारण लहूलुहान हो जाते हैं. ऐसे में यह पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो जाता है. समय रहते उचित उपचार नहीं मिलने पर पक्षियों की मौत हो जाती है.

319 पक्षियों को मिला जीवनदान

प्रतिबंधित नायलॉन मांजा आसानी से नहीं टूटता है. इसकी ड्यूरेबिलिटी अधिक होने के कारण यह कई वर्षों तक पेड़ों में फंसा रहता है. ऐसे में पूरे वर्षभर नायलॉन मांजा में पक्षियों के फंसने के मामले सामने आते रहते हैं. इसके मद्देनजर वन विभाग के अधीन ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर के अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात पर रहते हैं. वर्ष 2022 और 2023 के जनवरी, फरवरी और मार्च माह को मिलाकर कुल 440 पक्षी सेमिनरी हिल्स के टीटीसी में लाए गए थे. इनमें से कुल 352 नायलॉन मांजा से पीड़ित थे. डॉक्टरों द्वारा तत्काल उपचार किए जाने से 319 पक्षियों को सुरक्षित बचाकर प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया. नायलॉन में फंसकर गंभीर जख्मी हुए पक्षियों की सूचना मिलने में देरी के कारण 33 को बचाया नहीं जा सका. टीटीसी द्वारा नागरिकों से अपील गई है कि नायलॉन मांजा मिलने पर उसे डिस्ट्रॉय कर दें. 

2022 में दर्ज जख्मी पक्षियों के आंकड़े

महीना कुल जख्मी नायलॉन मांजा के मामले
जनवरी 78 65
फरवरी 63 48
मार्च 89 70
कुल  230 183

2023 में दर्ज जख्मी पक्षियों के आंकड़े

महीना कुल जख्मी नायलॉन मांजा के मामले
जनवरी 73 65
फरवरी 56 32
मार्च 72 81
कुल  210 169

जनवरी से मार्च 2022-23 के आंकड़े

वर्ष पक्षी रिहा प्रश मौतें प्रश
2022 165 90.16 18 10.1
2023 169 80.47 15 8.8

तुरंत करें TTC से संपर्क

नायलॉन मांजा में फंसने के कारण पक्षी खुद को छुड़ाने के लिए फड़फड़ाते हैं. ऐसे में मांजा उनके शरीर में कस जाता है. पक्षियों के बोन्स हॉलो होते हैं. इस कारण मांजा फंसने पर फड़फड़ाने के दौरान कई बार उनकी बोन्स कट जाती है. कई बार पक्षी स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं और दोबारा उड़ान नहीं भर पाते. ऐसे में पक्षियों को प्राकृतिक आवास में छोड़ना मानो उनको मौत के मुंह में धकेलने के बराबर हो जाता है. नागरिकों से अपील है कि नायलॉन मांजा का उपयोग न करते हुए हल्के मांजा का उपयोग करें. यदि कोई पक्षी मांजा में फंसा या जख्मी दिखे तो तुरंत ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर से 07122515306 पर संपर्क करें. किसी भी जख्मी पक्षी को हाथों में उठाने से पहले उसकी आंखों पर कपड़ा डाल दें.

– कुंदन हाटे, राज्य वन्य जीव सदस्य

33 birds sacrificed in nylon manja in 6 months

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jan 07, 2024 | 07:30 AM

Topics:  

  • Makar Sankranti
  • Nagpur News

सम्बंधित ख़बरें

1

बामसेफ का नागपूर में तिसरा राष्ट्रीय पथसंचलन एवं गणसभा, अशोका विजयादशमी का शुभअवसर

2

प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में करोड़ों का घोटाला, याचिका पर HC ने सरकार को भेजा नोटिस

3

Nagpur: सारे ‘अड्डे’ रहे जाम, सैकड़ों परेशान, त्योहारों पर सिग्नल के भरोसे रह गया यातायात

4

नागपुर में बवाल, मोहन भागवत को ‘संविधान की प्रति’ सौंपने सड़क पर उतरी कांग्रेस

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.