मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News: विकसित महाराष्ट्र-2047 के संबंध में राज्य के नागरिकों की राय, अपेक्षाएं, विचार, आकांक्षाएं और प्राथमिकताएं जानने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से एक राज्यव्यापी सर्वेक्षण अभियान चलाया गया. इस आधार पर तैयार किए गए विकसित महाराष्ट्र-2047 के विजन डॉक्यूमेंट और इसके क्रियान्वयन हेतु एक विजन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना को राज्य सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी. विकसित महाराष्ट्र – 2047 विजन डॉक्यूमेंट के कार्यान्वयन हेतु मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में एक विजन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है.
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर, भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को “विकसित भारत-भारत @2047” बनाने का संकल्प लिया है. इसका उद्देश्य 2025-26 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है. इसी के अनुरूप, महाराष्ट्र ने 2047 तक “विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के लिए” का लक्ष्य रखा है. महाराष्ट्र, भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहता है.
विकसित महाराष्ट्र की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का गठन किया गया था. मुख्यमंत्री ने 100 दिवसीय कार्यक्रम के बाद 150 दिवसीय सुधार कार्यक्रम की घोषणा की थी. इसमें विकसित महाराष्ट्र-2047 (विजन डॉक्यूमेंट) शामिल था. यह विजन डॉक्यूमेंट तीन चरणों में तैयार किया गया है. विजन डॉक्यूमेंट का मसौदा तैयार करने के लिए 16 क्षेत्रीय समूह बनाए गए थे, जैसे कृषि, उद्योग, सेवा, पर्यटन, शहरी विकास, ऊर्जा और सतत विकास, जल, परिवहन, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, सॉफ्ट पावर, शासन, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, वित्त आदि से संबंधित लगभग 100 पहलों को शामिल किया गया है.
विकसित महाराष्ट्र- 2047 के तहत 100 राज्य पहल, 150 से अधिक मीट्रिक और 500 से अधिक मील के पत्थर की पहचान की गई है. मुख्यमंत्री इस विजन के कार्यान्वयन के लिए गठित की जाने वाली विजन प्रबंधन इकाई (वीएमयू) के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करेंगे. इस इकाई के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में सभी निवेश और विभिन्न नीतियां विजन के अनुरूप हों. साथ ही, हर तीन महीने में प्रगति और मेट्रिक्स की समीक्षा की जाएगी. विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभागों को सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों के साथ विस्तृत कार्ययोजनाएँ तैयार करनी होंगी. साथ ही, विजन में शामिल मेट्रिक्स में डेटा ट्रैकिंग भी करनी होगी. इसके अनुसार, वित्त पोषण नीति, चालू व्यय का पुनर्गठन करना होगा. इससे राजस्व वृद्धि और वैकल्पिक पूंजी के स्रोत निर्धारित किए जा सकेंगे.
कैबिनेट बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग में प्रोटोकॉल उप-विभाग के विस्तार को मंज़ूरी दी गई. इसके अनुसार, प्रोटोकॉल विभाग में तीन नए विभाग, अर्थात् प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, प्रवासी मामले और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, बनाने को भी मंज़ूरी दी गई. इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और विदेशों में मराठी नागरिकों के साथ संपर्क बढ़ेगा.
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विदेशी निवेश को आकर्षित करने और राज्य में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, रोजगार, सांस्कृतिक संबंध, विदेशों में मराठी नागरिकों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के दायरे को बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं. परिणामस्वरूप, प्रोटोकॉल उप-विभाग में छह विभाग, तीन मौजूदा और तीन नए, कार्यरत रहेंगे. तीनों नए विभागों के लिए 23 नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई. इसके परिणामस्वरूप रॉयल प्रोटोकॉल विभाग में कुल 62 पद कार्यरत होंगे.