एक बार फिर साथ दिखे ठाकरे ब्रदर्स
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर ठाकरे बंधुओं की बढ़ती नजदीकियां सुर्खियों में हैं। लंबे समय से अलग-अलग रास्तों पर चल रहे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे रविवार (5 अक्टूबर) को एक पारिवारिक कार्यक्रम में साथ दिखाई दिए। यह कार्यक्रम शिवसेना सांसद संजय राउत के पोते के नामकरण का था, जो मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित एमसीए क्लब में आयोजित हुआ था।
इस मौके पर उद्धव ठाकरे अपने परिवार- पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ पहुंचे, जबकि मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी अपनी पत्नी शर्मिला ठाकरे के साथ वहां मौजूद थे।
ठाकरे परिवार के दोनों भाइयों को एक ही मंच पर देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए, जबकि राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। यह पहली बार नहीं है जब दोनों भाई हाल के दिनों में आमने-सामने आए हों। बीते तीन महीनों में यह उनकी पांचवीं मुलाकात थी।
सूत्रों का कहना है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) और मनसे के बीच स्थानीय निकाय और नगर निगम चुनावों को लेकर संभावित गठबंधन पर बातचीत जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन लगातार हो रही बैठकों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि ठाकरे परिवार के दोनों गुट पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर अब नई राजनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
अगर पिछले घटनाक्रमों पर नजर डालें तो यह मेल-मिलाप धीरे-धीरे बढ़ता गया है-
इन लगातार मुलाकातों ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। चर्चा है कि आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों में ठाकरे बंधु एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
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अगर यह गठबंधन होता है तो इससे महाराष्ट्र की राजनीति के मौजूदा समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ठाकरे बंधुओं की यह बढ़ती नजदीकी केवल पारिवारिक मेल-जोल नहीं, बल्कि भविष्य की चुनावी रणनीति का भी हिस्सा हो सकती है।