उद्धव और राज ठाकरे
Mumbai News In Hindi: राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव के लिए आज मंगलवार से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर फैसला अभी तक नहीं हो सका है।
सीट बंटवारे को लेकर पेंच अभी भी उलइस हुआ है। मराठी बाहुल्य वाली सीटों को लेकर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पाई है। इधर शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राऊत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से फोन पर बात की।
चर्चा थी कि मंगलवार को वर्ली डोम में प्रेस कांफ्रेंस कर दोनों भाई गठबंधन का आगाज करेंगे। लेकिन बाद में दोनों दलों की ओर से इससे इंकार कर दिया गया।
यूबीटी की ओर से बताया गया कि बातचीत अंतिम पड़ाव पर है और एक दो दिनों में गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी। मनसे की ओर साफ किया गया कि अभी फैसला नहीं हुआ है। मीडियाकर्मियों को आमंत्रित करके गठबंधन की घोषणा की जाएगी।
इस बीच दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। सूत्रों के अनुसार दोनों पार्टी दादर, शिवडी, माहिम, वलीं, कालाचौकी, परेल, लालबाग, विक्रोली और भांडुप जैसे क्षेत्रों की सीटों को लेकर अंतिम फैसले तक नहीं पहुंच सकी हैं। इन क्षेत्रों की सीटों पर दोनों पार्टियों का जनाधार है। बताया जाता है कि ठाकरे गुट की ओर से 60 से 65 सीटें मनसे को देने की पेशकश की गई है, लेकिन मनसे नेता 100 सीटों के आस-पास चाहते हैं।
संजय राऊत ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से फोन पर बात की। हालांकि दोनों में क्या बातचीत हुई, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि राऊत ने बीएमसी चुनाव साथ लड़ने की अपील की, नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव में महाविकास आघाड़ी को असफलता मिली है। कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। अब ठाकरे गुट चाहता है कि कांग्रेस साथ में रहे, तभी मनपा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी जा सकती है।
शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राऊत ने सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की। मनसे नेता बाला नांदगांवकर भी उद्धव ठाकरे से मिलने उनके आवास मातोश्री पहुंचे थे। इस बीच उद्धव ने मुंबई के प्रमुख पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर उनकी राय जानी।
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बीजेपी मीडिया विभाग के प्रमुख नवनाथ बन ने कहा कि ठाकरे बंधु ‘डर संगम’ नाटक पेश करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। वोटर इस नाटक प्रयोग को फ्लॉप कर देंगे, उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने अपने भाई को घर से निकाल दिया था। मनसे को तोड़ने की कोशिश की थी, हार के डर से दोनों भाई साथ आ रहे हैं।