सुप्रिया सुले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना यूबीटी के साथ आने की चर्चाओं में अब विराम लगता नजर आ रहा है। दोनों पार्टियों में काफी दिनों से साथ आने की चर्चाएं चल रही है। हालांकि, चर्चाओं को हवा देकर दोनों पार्टी प्रमुख विदेश दौरे पर चले गए। जिसके बाद बताया जा रहा था कि वे वापस आकर बैठक में साथ आने का निर्णय ले सकते है। इस चर्चा के बाद राज ठाकरे अपने विदेश दौरे से तो लौट आए लेकिन यूबीटी के साथ मिलाप करने को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
राज ठाकरे 1 मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस के अवसर पर मुंबई लौटे और हुतात्मा चौक गए और यहां उन्होंने महाराष्ट्र आंदोलन के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वे मीडिया से बीना कुछ बोले ही वापस लौट गए। तो वहीं उद्धव ठाकरे 4 मई को मुंबई वापस लौटने वाले है।
राज ठाकरे के प्रस्ताव रखने के बाद शिवसेना यूबीटी में भी साथ आने के संकेत दिए है और कहा था कि बीती बातों को भूलकर नई शुरुआत करने की अपील की थी। इस पर होती चर्चा को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने विदेश यात्रा पर जाने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं को साफ-साफ कहा था कि इस मुद्दे को लेकर वे एक भी शब्द न बोलें और उनके विदेश से लौटने का इंतजार करे।
दोनों पार्टियां अगर साथ आती है तो महाराष्ट्र के समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसलिए अब कयास लगाए जा रहे है कि राज ठाकरे की पार्टी भी उद्धव ठाकरे के विदेश दौरे से लौटने का इंतजार कर रहे है। 4 मई को उद्धव ठाकरे के वापस मुंबई लौटने के बाद दोनों गुटों में बैठक होने की संभावना है, जिसमें पार्टी ये फैसला लेगी कि ठाकरे बंधु साथ आकर गठबंधन बनाएगे या नहीं।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने को लेकर शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने बाला साहेब ठाकरे और शरद पवार के रिश्तों को याद करते हुए कहा कि दोनों परिवारों के बीच छह दशकों से प्रेम और सम्मान का रिश्ता रहा है। दोनों पार्टियों राजनीतिक मतभेद जरूर रहे, लेकिन पारिवारिक संबंध भी हमेशा से कायम रहे हैं और यही हमारे संस्कार भी हैं।
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उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने पर सुप्रिया सुले ने कहा उद्धव और राज ठाकरे दोनों मेरे भाई के समान हैं। महाराष्ट्र के हित के लिए अगर वे दोनों साथ आ रहे हैं और अपने अहम से बाहर आ रहे है, तो यह सराहनीय है। राज्य का भला होने के साथ उनका परिवार एक हो रहा हो तो हर कोई इसका स्वागत करेगा। मतभेद होने चाहिए, लेकिन मनभेद नहीं। सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि उम्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों मुझसे बड़े हैं, तो मैं उन्हें सलाह कैसे दे सकती हूं?