उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ठाकरे बंधु (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राऊत ने दावा किया कि जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे तब उन्होंने उनसे भाजपा को ‘रोकने’ के लिए चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह कराने का आग्रह किया था।
राऊत ने कहा कि शिंदे अब इस बात से नाखुश हैं कि ठाकरे चचेरे भाई एक साथ आ गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उबाठा प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने मतभेदों को भुला दिया है और पिछले कुछ महीनों में वे सार्वजनिक रूप से एकसाथ नजर आए हैं तथा ऐसी चर्चा है कि वे राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए गठबंधन कर सकते हैं।
दोनों दलों के नेताओं के अनुसार 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव से पहले दोनों दलों का एकसाथ आना अब महज औपचारिकता मात्र है। शिंदे और मंत्री सरनाईक ने मुझसे पहले भी कई बार राज और उद्धव ठाकरे को साथ लाने के लिए कहा था।
महाराष्ट्र पर भगवा झंडा फहराने के लिए यह जरूरी है। भाजपा को रोकने के लिए दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ आना होगा। राऊत ने दावा किया कि सरनाईक और शिंदे ‘मातोश्री’ से अनुमति लिये बिना राज ठाकरे से मिलने गए थे। उन्होंने शिंदे पर अपने स्वार्थ के लिए उद्धव ठाकरे को धोखा देने का आरोप लगाया, राऊत ने आरोप लगाया कि शिंदे सीएम फडणवीस को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि फडणवीस शिवसेना के प्रमुख नेता और उनके लोगों को अपने आस-पास भी नहीं देखना चाहते।
नवनाथ बन ने कहा कि शिंदे के दिल्ली दौरे से भाजपा-शिंदे सरकार मजबूत हुई है। इसलिए राऊत नाराज है। सोनिया गांधी के दरवाजे पर इंतजार करने वाले अब दिल्ली के बारे में गपशप कर रहे हैं। धनुष-बाण और असली शिवसेना शिंदे की है। लोकतंत्र की अदालत ने फैसला सुना दिया है कि बालासाहेब की असली विरासत शिंदे गुट की है। राऊत ने राहुल गांधी से राज्यसभा की सदस्यता पाने की राजनीतिक सुपारी ले रखी है। सोनिया की गुलामी करने वालों को हिंदुत्व नाम का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
ये भी पढ़ें :- Chhatrapati Sambhajinagar में छठ महापर्व की धूम, आज होगा संध्या अर्घ्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दिल्ली में हुई मुलाकात को लेकर भाजपा और यूबीटी में सियासी महाभारत छिड़ गई है। ठाकरे गुट के सांसद संजय राऊत ने दावा किया है कि शिंदे को अपनी पार्टी भाजपा में विलय करनी पड़ेगी। निकाय चुनावों की हलचलों के बीच डीसीएम शिंदे ने दिल्ली जाकर पीएम मोदी और शाह से मुलाकात की। इस पर राऊत ने दावा किया है कि मोदी और शाह ने शिंदे को मनपा चुनावों के बाद पार्टी को भाजपा में विलय करने का आदेश दिया है। शिंदे को पता है कि कोर्ट में चिन्ह का मुद्दा नहीं टिक पाएगा।