संजय राउत (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sanjay Raut On Haryana IPS Suicide Case: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद उठे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राउत ने कहा कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा धीरे-धीरे विभिन्न संस्थाओं में गहराई तक प्रवेश कर रही है।
संजय राउत कहना है कि यह मानसिकता केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि सेना और पुलिस जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं में भी देखने को मिल रही है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए चिंताजनक संकेत बताया और कहा कि निष्पक्ष संस्थाओं पर किसी विशेष विचारधारा का असर होना चिंता का विषय है।
संजय राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने संस्थागत प्रभाव के बारे में जो कहा वह सही था। राहुल गांधी ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या को उस सामाजिक विष का प्रतीक बताया था जो जाति के नाम पर इंसानियत को दबा रहा है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहना पड़ता है, तो आम दलित नागरिकों की स्थिति कितनी भयावह होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन की मृत्यु ये सभी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि वंचित वर्ग के खिलाफ अन्याय चरम पर है।
भाजपा-आरएसएस की मनुवादी सोच और नफरत ने समाज को विषाक्त कर दिया है। दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम समुदाय न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं। यह संघर्ष सिर्फ पूरन का नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है।”
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जानकारी के अनुसार, हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर जान दे दी। घटना के समय उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार, जो हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं, जापान दौरे पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मौजूद थीं।
पूरन कुमार वर्तमान में विदेश सहयोग विभाग के आयुक्त और सचिव के पद पर तैनात थे। पुलिस के अनुसार, सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास में पूरन कुमार ने आत्महत्या की, जिसके बाद मामले की जांच जारी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)