संजय राउत और पीएम नरेंद्र मोदी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Corruption: महाराष्ट्र में महानगरपालिकाओं में हो रहे घोटाले पर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने प्रकाश डाला साथ ही अपनी नई किताब के बारे में जानकारी दी है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रशासकों, पूर्व नगरसेवकों, पूर्व महापौरों द्वारा मिलकर किए गए घोटाले के बारे में जानकारी दी।
शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र की विभिन्न महानगर पालिकाओं में घोटाले हो रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनाव नहीं हो रहे हैं। सरकार प्रशासकों के माध्यम से काम कर रही है। लेकिन, मुंबई, ठाणे, नासिक, पुणे, मीरा भयंदर को देखिए, हर जगह घोटाले हो रहे हैं। प्रशासकों, पूर्व नगरसेवकों, पूर्व महापौरों और अन्य लोगों ने मिलकर 350 करोड़ रुपये का घोटाला किया।”
बारिश में हुई सड़कों की हालत और काम को लेकर किए गए भ्रष्टाचार पर राउत ने आगे कहा, “लगभग 750 सड़कों का टेंडर दिया गया, लेकिन काम नहीं हुआ। इस बारिश में लोगों की हालत देखिए। लोग सड़क पर चल भी नहीं पा रहे हैं। तो पैसा कहां गया? वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन, मैं अपना काम करूंगा।”
VIDEO | Mumbai: Shiv Sena(UBT) MP Sanjay Raut (@rautsanjay61) addresses a press conference. “The scams are going on in various Metropolitan Municipalities of Maharashtra. The local body elections are not being held. Government is working through administrators. But, look at… pic.twitter.com/vNHfIBDUri — Press Trust of India (@PTI_News) July 16, 2025
संजय राउत महाराष्ट्र में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगातार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखते आए है। इस पर उन्होंने कहा कि वे इसकी किताब भी प्रकाशित करेंगे। इस पर उन्होंने कहा, “जैसे ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भ्रष्टाचार पर मेरे 100 पत्र पूरे हो जाएंगे, मैं उस पर एक किताब लिखूंगा, और मोदी जी से उसका विमोचन करवाऊंगा।”
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राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे को एनसीपी-एसपी नेता रोहित पवार ने भी उठाया। एनसीपी-एसपी नेता रोहित पवार ने महाराष्ट्र में कई परियोजनाओं की लागत में वृद्धि पर कहा। “हमने भ्रष्टाचार निरोधक संस्था को सबूत दिए हैं कि बहुत भ्रष्टाचार हुआ है… मुझे नहीं पता कि इसमें मंत्री शामिल हैं या नहीं, लेकिन एक मामले में, एक ठेका किसी अमुक व्यक्ति को डेढ़ साल के लिए दिया गया था, और फिर अमुक व्यक्ति को लाया गया, और फिर लागत में 700 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। ठेका एक नए व्यक्ति को दिया गया। यह नया व्यक्ति कौन है? यह व्यक्ति महाराष्ट्र के एक बहुत बड़े अधिकारी का रिश्तेदार है,”