रेखा श्रीवास्तव (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: भारत के पूर्व क्रिकेटर सलीम दुर्रानी फिर से चर्चा में आ गए हैं। इस बार मैदान पर उनके शानदार कारनामों के कारण नहीं बल्कि एक बुजुर्ग महिला के चौंकाने वाले दावे के कारण। रेखा श्रीवास्तव के रूप में पहचानी गई यह महिला दावा करती है कि वह दिवंगत क्रिकेटर की पत्नी है।
दरअसल बेलापुर मेट्रो स्टेशन मुंबई के बाहर एक शख्स को बुजुर्ग महिला दिखी। यह महिला भीख मांग रही थी। उसके तौर-तरीके और चेहरा देखने के बाद जब शख्स ने बात की तो हैरान हो गया। वह महिला शानदार अंग्रेजी बोल रही थी। उस शख्स ने पुलिस और एक संस्था से संपर्क किया। बुजुर्ग महिला ने जब अपने बारे में बताया तो सब भौंचक्के रह गए।
बुजुर्ग महिला ने दावा किया कि वह रेखा श्रीवास्तव है और वह पूर्व क्रिकेटर सलीम दुर्रानी की पत्नी है। महिला ने दावा किया है कि उसने अपना अधिकांश जीवन मुंबई में बिताया है। वह कुछ समय दुबई में भी रही है।
वह अपनी खुद की एयरलाइन चलाती थी। उन्हें एक आश्रयगृह में ले जाया गया, जहां उन्होंने फिर से बताया कि उनकी शादी सलीम दुर्रानी से हुई थी, जिनका दो साल पहले देहांत हो गया था। महिला ने दावा किया है कि उनके पति पूरे देश में क्रिकेट खेलते थे और उनके बिना कभी यात्रा नहीं करते थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने कई महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात की है, जिनमें महाराजा और मंत्री शामिल हैं। जब उनसे पूछा गया कि वे किन महाराजाओं से मिलीं, तो उन्होंने गुजरात के एक महाराजा का जिक्र किया।’
महिला ने बताया कि एक समय वह विदेश में सुख-सुविधाओं से भरी जिंदगी जी रही थी, लेकिन परिस्थितियों ने बेघर कर दिया। बुजुर्ग महिला ने कहा कि वह पहले दुबई में रहती थी और एक एयरलाइन कंपनी चलाती थी। उसका दावा है कि उसके जीवन में एक दुखद मोड़ आया, जिससे वह आर्थिक रूप से बर्बाद हो गई और बेघर हो गई।
हालांकि इस मामले में जामनगर में रहने वाले सलीम दुर्रानी के परिवार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, न ही किसी विश्वसनीय क्रिकेट रिकॉर्ड में रेखा श्रीवास्तव नाम की पत्नी का उल्लेख मिलता है।
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दिसंबर 1934 में काबुल में जन्मे सलीम दुर्रानी विभाजन के बाद जामनगर में बस गए। अपनी जोशीली शैली के लिए जाने जाने वाले दुर्रानी ने 1960 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बने, हालांकि उनके करियर के आंकड़े मामूली थे, लेकिन उनका प्रभाव बहुत बड़ा था, खासकर वेस्ट इंडीज के खिलाफ भारत की 1971 की मशहूर सीरीज जीत के दौरान। वे अपनी मनचाही छक्के लगाने की क्षमता के लिए दर्शकों के चहेते थे, जिसके लिए खचाखच भरे स्टेडियमों में नारे और बैनर लहराए जाते थे। क्रिकेट के अलावा, उनके करिश्माई व्यक्तित्व ने उन्हें कुछ समय के लिए सिनेमा जगत में भी पहुंचाया, जिसके बाद वे सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए।