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मुंबई: एनजीटी (NGT) की फाइन (Fine) के बाद नींद से जागा बीएमसी प्रशासन (BMC Administration) अब मुंबई की नदियों में गिर रहे सिवरेज (Sewerage) के गंदे पानी (Dirty Water) को रोकने की तैयारी कर रही है। मुंबई (Mumbai) में वर्षों सिवरेज और नालों का गंदा पानी (Dirty Water) नदियों में गिर रहा है जिससे नदियां तो मैली हो रही हैं। वहीं गंदगी बह कर समुद्र (Sea) में भी जा रही है। मुंबई में 3 लाख 48 हजार 672 घरों में से 76 हजार 425 घरों से निकलने वाले सिवरेज का पानी अब भी नदियों में गिर रहा हैं।
अब बीएमसी (BMC) ने नदियों में गिर रहे गंदे पानी को रोकने के लिए एक्शन प्लान पर संजीदगी से काम करना शुरु किया है। नदियों और समुद्र में जाने वाले गंदे पानी से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के निर्देश पर बीएमसी परियोजना लागू कर रही है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बीएमसी सलाहकार की नियुक्ति करेगी।
मुंबई से निकलने वाले अपशिष्ट जल को बिना किसी उपचार के सीधे प्राकृतिक संशाधनों जैसे नदियों और समुद्र में छोड़ दिया जाता है। ग्रीन ट्रिब्युनल ने बीएमसी पर जुर्माना लगा कर इस संबंध में त्वरित सुधार करने के निर्देश दिए थे। पिछले चार साल से बीएमसी इस संबंध में अध्ययन कर कदम उठाने की कार्रवाई शुरु की है।
बीएमसी सर्वे के अनुसार, मुंबई में बरसात का पानी निकासी के लिए बनाए गए नालों से सिवरेज का पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है। ऐसे 35 हजार 442 नालों का पता चला है। इसके अलावा 40 हजार 756 घरों का गंदा पानी भी नदियों में सीधे तौर पर छोड़ दिया जाता है। यही नहीं 207 स्थानों की गंदगी समुद्र में और 20 स्थानों की गंदगी खाड़ी में छोड़ी जाती है। मीठी नदी भी अपशिष्ट छोड़े जाने से अधिक प्रभावित हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने सख्ती से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में इस कार्य के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। सलाहकार के निर्देशानुसार प्रोजेक्ट प्लान तैयार किया जाएगा। बीएमसी ने निविदा मंगाई है।