उद्धव ठाकरे और रामदास कदम (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: शिवसेना में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई विभाजन के बाद शिवसेना नेता रामदास कदम ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया था। कदम मौजूदा समय में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता हैं और वह उद्धव ठाकरे पर हमला करने का कोई मौका छोड़ते नहीं हैं। कदम ने अब एक और सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव की महत्वकांशाओं की वजह से शिवसेना विभाजित हो गई।
शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे में मुख्यमंत्री बनने का डर था इसलिए उन्होंने मुझे वह निर्वाचन क्षेत्र नहीं दिया, जहां से मैं चुनाव लड़ना चाहता था। उन्होंने मुझे दूसरा निर्वाचन क्षेत्र दे दिया। कदम इतने पर ही नहीं रुके।
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रामदास कदम ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए इसी तरह से साजिश रची थी। कदम ने कहा कि उद्धव को डर था कि बालासाहेब ठाकरे मुझे मुख्यमंत्री बना देंगे। इसलिए मेरे दापोली निर्वाचन क्षेत्र मांगने के बाद भी उन्होंने जानबूझकर मुझे गुहागर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा और मुझे हराने के लिए कुछ नेताओं को नियुक्त किया।
शिवसेना नेता कदम ने यह भी दावा किया कि ”उद्धव ठाकरे की राक्षसी महत्वाकांक्षाओं के कारण आज शिवसेना विभाजित हो गई है। उद्धव कुछ किए बिना ही पार्टी के मालिक बन गए। बाला साहेब के बेटे के तौर पर उद्धव ठाकरे को गद्दी मिली है।” उन्होंने कभी भी खुद पर केस नहीं लिया। उन्होंने हमेशा मराठी लोगों को बांटने का काम किया। उन्होंने हमें हटने के लिए मजबूर किया। आज वह कांग्रेस के तलवे चाट रहे हैं और हम शिवसेना प्रमुख की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।
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बता दें कि 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर लड़े थे। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना ने पाला बदलकर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए थे। लेकिन जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में टूट हो गई। शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस विभाजन के समय रामदास कदम ने एकनाथ शिंदे के गुट के साथ जाना चुना।