राहुल गांधी का धारावी दौरा (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: धारावी पुनर्वास प्रोजेक्ट में आज राहुल गांधी भी एंट्री करने जा रहे है। इस प्रोजेक्ट का ठेका अडाणी समूह को दिया गया है। राहुल पहले से इस मुद्दे को लेकर हमलावर रहे हैं। इसलिए वे अडाणी पर वार कर सकते हैं। राहुल गांधी ऐसे समय पर मुंबई दौरे पर आ रहे हैं, जब राज्य का बजट सत्र चल रहा है। इससे पहले वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार के अंतिम दिन मुंबई आए थे। बीकेसी में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने धारावी प्रोजेक्ट को लेकर अडाणी और बीजेपी को घेरा था। राहुल ने कहा कि धारावी का भविष्य सेफ नहीं है। इस प्रोजेक्ट से धारावी की जनता को नुकसान होगा।
उन्होंने एक पोस्टर निकाला, जिसमें धारावी का नक्शा बना था। इसे दिखाते हुए राहुल ने कहा था कि अरबपति चाहते हैं कि मुंबई की जमीन उनके हाथ में चली जाए, अनुमान है कि एक अरबपति को एक लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसे लेकर बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस की ओर से अडाणी को दिए गए ठेके की पोल खोली थी। अब राहुल के धारावी में दाखिल होने के बाद फिर धारावी को लेकर सियासी घमासान छिड़ने के आसार हैं।
अभी हाल में कांग्रेस पार्टी की सांसद व मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने धारावी प्रोजेक्ट को एशिया का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए केंद्र और महायुति सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इससे अडाणी को 1.5 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा होगा, जबकि धारावी वासियों के साथ अन्याय होगा। लगभग 70 हजार से भी कम धारावी वासियों का पुनर्वास वहीं पर होगा और बाकियों को मुंबई से बाहर भेज दिया जाएगा। यह अडाणी का वैभव विकास और धारावी का विनाश है, लेकिन मोदी सरकार चुप है। यह लड़ाई धारावी वासियों और मुंबई के अस्तित्व की है। कांग्रेस पार्टी यह संघर्ष जारी रखेगी। शिवसेना (यूबीटी) इस प्रोजेक्ट को लेकर अडाणी के विरोध में है।
इस प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप ने 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टेंडर जीता था। साल 1999 में बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन ने पहली बार धारावी को रिडेवलप करने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 2003-04 में राज्य सरकार धारावी का रिडेवलपमेंट प्लान लेकर आई। धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपये का है और इसके 17 साल में पूरा होने की उम्मीद है। यहां रहने वाले लोगों को 7 साल में पक्के घरों में बसाने का टारगेट है इस पूरे प्रोजेक्ट में 1 करोड़ वर्ग फीट से ज्यादा की जमीन आएगी।
मुंबई एशिया की सबसे बड़ी और घनी आबादी वाली झोपड़पट्टी धारावी में करीब 84,000 झोपड़ियों का नंबरिंग और 53,000 से अधिक घरों का सर्वेक्षण धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) ने पूरा कर लिया है। इस सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 95% घर, दुकानें और व्यावसायिक संरचनाएं 300 वर्ग फुट से छोटी हैं। जबकि इससे बड़े आकार की संरचनाओं की संख्या मात्र 5% के आसपास है।
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बता दें कि धारावी लगभग 6 600 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, और इसका पुनर्विकास धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) और नवभारत मेगा डेवलपर्स लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है। मुंबई में औसतन प्रति वर्ग किलोमीटर 23,000 की जनसंख्या घनत्व है, लेकिन धारावी में यह संख्या करीब 2.2 लाख प्रति वर्ग किलोमीटर तक पहुंच जाती है, इससे स्पष्ट है कि धारावी में छोटे घरों की संख्या बहुत अधिक है, और उनमें रहने वाले लोगों की आबादी बहुत घनी है। सर्वे के अनुसार, 95% झोपड़ियां और संरचनाएं 300 वर्ग फुट से कम आकार की हैं। लेकिन पात्र झोपड़ी धारकों को 350 वर्ग फुट का घर दिया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत, जो लोग 1 जनवरी 2000 या उससे पहले से धारावी में रह रहे होंगे, उन्हें धारावी में और 1 जनवरी 2011 के बीच जिन लोगों ने जमीन पर अपना मकान बनाया है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धारावी के बाहर 300 वर्ग फीट का मकान मिलेगा। धारावी में कितने लोग रहते है? इसका सटीक आंकड़ा नहीं है। लेकिन अनुमान है कि यहां 6 से 10 लाख लोग रहते हैं। धारावी में अब तक 53,000 से ज्यादा घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सर्वे के दौरान दर्ज किए गए हैं और 85000 घरों की नंबरिंग किया गया है। इसके अलावा, क्षेत्र में कुल 300 से अधिक धार्मिक स्थलों का अस्तित्व है, जिनमें से 90 की पहचान हो चुकी है।