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अब तक का सबसे बड़ा IPO घोटाला Paytm! 10 लाख निवेशकों को लगा चूना, लूट का खेल जारी

IPO Market : पेटीएम के पहले भी और बाद में भी अनेक कंपनियों के आईपीओ मनमानी कीमतों पर लाए गए। जिनमें सरकार और नियामक की अनदेखी के कारण देश के करोड़ों निवेशकों को चूना लगाया जा रहा है।

  • By आकाश मसने
Updated On: Nov 03, 2025 | 01:11 PM

कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)

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Paytm IPO Scam: 4 साल पहले 8 नवंबर, 2021 को देश के रिटेल निवेशकों (Retail Investors) को भारी सब्जबाग दिखाकर लाया गया पेटीएम (Paytm) का 18,300 करोड़ रुपए का महा सार्वजनिक निर्गम यानी मेगा आईपीओ (IPO) शेयर बाजार का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो रहा है।

डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म ‘पेटीएम’ की संचालक कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन्स को शेयर बाजारों में लिस्ट हुए पूरे 4 साल हो गए हैं, लेकिन इन 4 साल में कभी भी इसका शेयर भाव आईपीओ प्राइस (2150 रुपये) से अधिक नहीं हुआ।

लिस्टिंग के दिन 27% नुकसान के साथ 1560 रुपये में लिस्ट होने के बाद इसका शेयर लगातार गिरता चला गया। नीचे में तो यह 340 रुपये तक गिरा। यानी 84% का भारी नुकसान। आज की तारीख में भी इसका शेयर भाव 1302 रुपये है यानी पेटीएम का शेयर आज भी 39% घाटे में है।

पेटीएम के आईपीओ में लाखों निवेशकों को नुकसान

हवा-हवाई वादों और लुभावने प्रचार के झांसे में आकर करीब 10 लाख रिटेल निवेशकों ने अपनी जमा पूंजी पेटीएम आईपीओ में लगायी थी, लेकिन अफसोस इन्हें भारी चपत लगी। 4 साल में ब्याज का नुकसान हुआ, वह अलग। इस तरह पेटीएम के आईपीओ में लाखों निवेशकों को करीब 10,000 करोड़ रुपये का भयंकर नुकसान हो रहा है।

पेटीएम के पहले भी और बाद में भी अनेक कंपनियों के आईपीओ मनमानी कीमतों पर लाए गए और अब भी लाए जा रहे हैं। जिनमें सरकार और नियामक की अनदेखी के कारण देश के करोड़ों निवेशकों को जमकर चूना लगाया जा रहा है।

10,000 करोड़ रुपये की OFS

पेटीएम के 18,300 करोड़ रुपए के आईपीओ में 10,000 करोड़ रुपये तो प्रमोटर विजय शेखर शर्मा और कई चाइनीज कंपनियों की ‘ऑफर फॉर सेल’ (OFS) थी। जिसमें से 5,000 करोड़ रुपए तो अकेले चाइनीज कंपनी आन्ट ग्रुप ही भारतीय निवेशकों से लेकर चंपत हो गई। क्या अब सेबी पेटीएम आईपीओ के 7 मर्चेंट बैंकरों से या प्रमोटरों से पैसा वसूल कर लाखों रिटेल निवेशकों के नुकसान की भरपाई करेगी?

भारी घाटे के बावजूद IPO लाने की मंजूरी क्यों दी गयी?

आश्चर्य तो इस बात का है कि चाइनीज कंपनियों के निवेश से फली-फूली पेटीएम लगातार भारी घाटे में थी। वित्त वर्ष 2021 में तो इसको 1701 करोड़ रुपए का भारी घाटा हुआ था। फिर भी सेबी (SEBI) के अधिकारियों ने पेटीएम को 1 रुपए फैस वैल्यू वाले शेयर पर 2150 रुपए के रिकार्ड महंगे भाव पर बेचने की मंजूरी दे दी।

यदि 10 रुपए फेस वैल्यू के हिसाब से गणना की जाए तो पेटीएम का आईपीओ मूल्य 21,500 रुपए प्रति शेयर हो जाता है। आज तक इतने महंगे भाव पर भारी प्रॉफिट कमाने वाली किसी ब्ल्यूचिप कंपनी का आईपीओ भी नहीं आया।

देश की प्रमुख लाभप्रद कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का आईपीओ भी 5 रुपये फेस वैल्यू पर मात्र 125 रुपये मूल्य पर लाया गया था, जो काफी उचित मूल्य था, जिसमें रिटेल निवेशकों को कमाने का पूरा अवसर दिया गया।

सेबी की आईपीओ मूल्य निर्धारण की छूट का नाजायज फायदा उठाकर पेटीएम के आईपीओ में निवेशकों को लूटने की सारी हदें पार की गयीं। यह कॉर्पोरेट लूट का एक बड़ा उदाहरण है, जिस पर आज तक किसी राजनीतिक दल ने सवाल नहीं उठाया।

फंडों ने क्यों दांव पर लगाए 8,235 करोड़?

पेटीएम के आईपीओ में SBI, LIC को छोड़ कई संस्थागत निवेशकों ने 8,235 करोड़ रुपए का भारी निवेश किया था, लेकिन इनके निवेश की वैल्यू मात्र दो महीने में ही आधी रह गयी थी।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन फंडों ने भारी घाटे वाली पेटीएम के सबसे महंगे शेयर में इतना बड़ा जोखिम लेकर निवेश क्यों किया? संभवत: इसके एवज में फंड मैनेजरों को मोटी रकम ‘कमीशन’ के रूप में दी गयी। शायद तभी इन्होंने रिटेल निवेशकों की जमा पूंजी को दांव पर लगा दिया। इन बड़े संस्थागत निवेशकों को देख कर ही लाखों छोटे निवेशकों ने भी पेटीएम के आईपीओ में निवेश कर डाला।

क्या मर्चेंट बैंकरों से होगी घाटे की भरपाई

यह अत्यधिक खेद एवं दुर्भाग्य की बात है कि भारत में आईपीओ में शेयर मूल्य निर्धारण के कोई निश्चित नियम एवं मापदंड नहीं बनाये गये है। इसे सेबी ने पूरी तरह मर्चेंट बैंकरों और प्रमोटरों पर छोड़ रखा है।

यह भी पढ़ें:- अनिल अंबानी के खिलाफ ED का बड़ा ऐक्शन, फ्लैट और ऑफिस समेत 3000 करोड़ की संपत्ति जब्त

अब जबकि 4 साल का लंबा समय बीतने के बाद भी पेटीएम आईपीओ में निवेशकों को भारी नुकसान है तो इसकी जिम्मेदारी इन मर्चेंट बैंकरों पर ही होनी चाहिए, जिन्होंने अपनी भारी कमाई के लालच में आईपीओ में इतना महंगा और मनमाना आईपीओ मूल्य तय किया।

ऐसे में सेबी को आईपीओ के मर्चेंट बैंकरों से वसूली कर लाखों रिटेल निवेशकों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। तभी देश के रिटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और लालची मर्चेंट बैंकर भविष्य में देश के छोटे निवेशकों के प्रति अपना नैतिक दायित्व समझेंगे।

ये हैं पेटीएम IPO के 7 मर्चेंट बैंकर

  • मोर्गन स्टैनली इंडिया
  • गोल्डमैन सैक इंडिया
  • एक्सिस कैपिटल
  • ICICI सिक्युरिटीज
  • JP मोर्गन इंडिया
  • सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स
  • HDFC बैंक

पूंजीपतियों के लिए रिटेल निवेशकों से पैसा बटोरने का आसान रास्ता

आईपीओ मार्केट में ‘लूट’ का खेल वर्षों से निरंतर जारी है। जिसमें प्रमोटर, मर्चेंट बैंकर, फंड मैनेजर और अन्य बिचौलिए लालच की सारी हदें पार करते हुए देश के रिटेल निवेशकों को खुलेआम लूट रहे हैं।

पिछले दो साल में ही 300 से अधिक आईपीओ के जरिए करीब 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी बटोर ली गयी। इनमें अधिकांश मनमानी कीमतों पर लाए गए, जो अब भारी नुकसान में हैं। इनमें से 50% से अधिक राशि ओएफएस की थी। अब ओएफएस तो पूरी तरह अनुचित है।

यह पूंजी देश की ग्रोथ में नहीं बल्कि लाखों निवेशकों की जेब से निकलकर चंद पूंजीपतियों और विदेशियों के पास जा रही है। जैसे पेटीएम के आईपीओ में हुआ। इसलिए ओएफएस पर तुरंत अंकुश लगाना जरूरी है। पिछले माह सेबी ने म्यूचुअल फंडों पर प्री-आईपीओ निवेश पर प्रतिबंध लगाया है। यह सेबी का अच्छा कदम है, परंतु ओएफएस और मनमाने मूल्य पर भी अंकुश लगना चाहिए।

-मुंबई से विष्णु भारद्वाज की रिपोर्ट

Paytm ipo loss 2025 investor scam sebi action demand

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Published On: Nov 03, 2025 | 01:11 PM

Topics:  

  • Bussiness News
  • IPO
  • Maharashtra
  • Mumbai News
  • Paytm

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