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मुंबई/नंदुरबार: महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में तेल में मिलावट करने के मामले में सरकार ने एक्शन लिया है। मंत्री नरहरि झिरवल मिलावट करने वाले कारखाने पर ताला लगाने और कार्रवाई करने में विफल रहे दो अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है।
महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री नरहरि झिरवल ने सोमवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के दो अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने और नंदुरबार जिले में एक कारखाने को बंद करने की घोषणा की। यह कारखाना कई बार तेल में मिलावट करने का दोषी पाया गया है।
विधानसभा में शिवसेना विधायक अम्श्य पडवी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री झिरवाल ने कहा कि मिलावट के कई मामलों की सूचना मिलने के बावजूद अक्कलकुवा में कारखाने के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहने पर एफडीए के संयुक्त आयुक्त और सहायक आयुक्त को निलंबित किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के हिंगणघाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक समीर कुणावर ने पूरक प्रश्न उठाते हुए बताया कि इसी कारखाने से हाल ही में लिए गए सोयाबीन और मूंगफली तेल के नमूने मिलावटी पाए गए थे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री नरहरि झिरवल ने सदन को बताया कि त्वरित कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन संबंधित अधिकारी कार्रवाई करने में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप अब अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। नंदुरबार जिले में घटिया खाद्य तेल के मामले में जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा और संबंधित कंपनी को बंद कर दिया जाएगा।
10 मार्च को एफडीए अधिकारियों ने अक्कलकुवा स्थित गोपाल प्रोविजन नामक कंपनी का निरीक्षण किया, जहां से माहिका ब्रांड के रिफाइंड सोयाबीन तेल और कमला ब्रांड के मूंगफली तेल के नमूने परीक्षण के लिए एकत्र किए गए थे, जिनकी प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया कि ये खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं हैं।
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मंत्री ने विधानसभा में कहा कि चूंकि विक्रेता ने निष्कर्षों के खिलाफ अपील की है, इसलिए नमूनों को अब पुनः विश्लेषण के लिए कर्नाटक के मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) को भेजा गया है।
मंत्री झिरवल ने कहा वर्ष 2024-25 के दौरान नंदुरबार जिले में कुल 12 खाद्य तेल के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से पांच को घटिया घोषित किया गया। इनमें से दो मामलों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू की गई। उन्होंने कहा कि शेष तीन मामलों में रेफरल प्रयोगशालाओं से रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।