सुप्रीया, जयंत पाटील और रोहित पवार होगें मंत्री
मुबंई: ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने शरद पवार की राकां को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसने महाराष्ट्र की राजनिती में भूकंप ला दिया है।हाके ने दावा किया है कि शरद पवार और अजीत पवार के नेतृत्व वाली दोनों राकां के एक साथ आने की चर्चा चल रही हैं, लेकिन हकीकत यही है कि दोनों राकां हमेशा से एक ही रही हैं। आने वाले समय में सुप्रिया सुले केंद्र में मंत्री और जयंत पाटिल व रोहित पवार राज्य में मंत्री के रूप में नजर आएंगे।
छगन भुजबल और पडलकर से हो सकता है नुकसान
हाके ने बड़ा दावा करते हुए ये भी कहा है कि ओबीसी नेता छगन भुजबल और गोपीचंद पडलकर को दोनों राकां के एक होने की वजह से खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हाके ने कहा कि पवार चाचा-भतीजा बीते 10 वर्षों से अमित शाह के दरवाजे के चक्कर लगाते रहे हैं और बीजेपी वोट पाने के लिए राकां का इस्तेमाल कर रही है। शरद पवार को ओबीसी विरोधी बतानेवाले हाके ने महाविकास आघाड़ी (मविआ) के नेताओं की आलोचना करने के दौरान उद्धव ठाकरे और संजय राउत पर भी जमकर निशाना साधा।
मजबूर है फडणवीस
हाके का दावा है कि रोहित पवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल करने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन शरद पवार के अमित शाह और नरेंद्र मोदी से संबंधों के कारण फडणवीस कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि वह फुले, शाहू, अंबेडकर का चाहे जितना भी नाम लें, लेकिन वह भी शाह और मोदी के ही कार्यकर्ता हैं।
शिवसेना के बुरे दिन आ गए
उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उद्धव ने बालासाहेब ठाकरे की पार्टी की विचारधारा को त्याग दिया। शिवसेना पार्टी महाराष्ट्र में ओबीसी के गले का हार थी। लेकिन संजय राऊत ने शिवसेना को शरद पवार के बाडे में ले जाकर बांध दिया। इसलिए जो ओबीसी समुदाय वर्षों से उनके साथ था, वह शिवसेना से दूर हो गया। शिवसेना के बुरे दिन आ गए। यदि शरद पवार को छोड़कर उद्धव शिवसेना की मूल लाइन पर लौट आएं तो उनके सुनहरे दिन लौट आएंगे। ऐसा कहते हुए हाके ने कहा कि संजय राऊत के लिए भी आत्मपरिक्षण का समय आ गया है।