(डिजाइन फोटो)
मुंबई: मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद की एक चौंकाने वाली वीडियो क्लिप सामने आई है। वायरल हो रही क्लिप में मंदिर के प्रसाद में चूहे के कई बच्चे नजर आ रहे हैं। इस मामले पर अब सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन की ओर से सफाई दी गई है। उनका कहना है कि ये वीडियो उनके मंदिर की नहीं है। यह किसी दूसरे स्थान का वीडियो प्रतीत होता है। सोशल मीडिया में प्रसाद में चूहे पाए जाने की खबर बेबुनियाद है और मंदिर को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
वीडियो की जांच की बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसादम में कथित तौर पर चर्बी की मिलावट पाए जाने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (एसएसजीटी) के अध्यक्ष एवं विधायक सदा सरवणकर ने इन आरोपों का खंडन किया है। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि उसने मामले की जांच शुरू कर दी है। सरवणकर ने कहा कि रोजाना लाखों लड्डू बांटे जाते हैं और उन्हें तैयार करने की जगह साफ-सुथरी होती है। वीडियो में एक गंदी जगह दिखाई दे रही है। मैं देख सकता हूं कि यह मंदिर का नहीं है। इसे कहीं बाहर शूट किया गया है। वायरल हो रहे वीडियो में नीले रंग की ट्रे में रखे लड्डू के पैकेटों पर चूहे दिखाई दे रहे हैं।
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ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा सरवणकर ने कहा कि हम सीसीटीवी की जांच करेंगे और जांच के लिए डीसीपी रैंक के एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरवणकर ने कहा कि मंदिर यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास करता है कि प्रसाद साफ-सुथरी जगह पर तैयार किया जाए।
विधायक सदा सरवणकर ने कहा कि घी, काजू और अन्य सामग्री को पहले बीएमसी की प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जाता है और मंजूरी के बाद इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में पानी की भी जांच की जाती है। इसका मतलब है कि हम इस बात पर पूरा ध्यान देते हैं कि भक्तों को दिया जाने वाला प्रसाद शुद्ध हो।
श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (एसएसजीटी) के अध्यक्ष सदा सरवणकर ने कहा कि ट्रस्ट के खिलाफ षड्यंत्र हो सकता है। इसके पहले भी इस तरह का प्रयास हुआ है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। हिंदू धर्म संस्थानों को बदनाम करने की साजिश हो रही है।
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सदा सरवणकर यह भी कहा कि संभवतः किसी ने प्लास्टिक थैले में चूहों को रखा होगा। ट्रस्ट ने घोषणा की है कि इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है। जांच से यह स्पष्ट होगा कि यह क्लिप कब की है, कहां की है, थैली कहां से आई और इसे किसने रखा।
ट्रस्ट के अनुसार मंदिर परिसर में हर रोज प्रसाद के लिए 50 हजार लड्डू बनाए जाते हैं। त्योहार के समय लड्डू की मांग और बढ़ जाती है। प्रसाद के लिए 50-50 ग्राम के दो लड्डू पैकेट में होते हैं। फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट से लड्डू में इस्तेमाल होने वाली चीजों को सर्टिफाइड भी किया जाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की सचिव वीणा पाटिल कहती हैं कि ‘ऐसा पहली नजर में तो नहीं लगता कि ये तस्वीरें सिद्धिविनायक मंदिर की हैं। ये तस्वीरें मंदिर के अंदर की ही हैं, ऐसा भी नहीं लग रहा है। इस वीडियो के सबूत भी हमें दिया जाए। हम इसकी जांच हमारे प्रशासकीय स्तर पर करेंगे।