पूर्व चेयरमैन हीरेन भानु और उनकी पत्नी (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए घोटाला मामले में मुंबई की एक अदालत बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन हिरेन भानु और उनकी पत्नी गौरी भानु को 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इसी मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को मामले में पांच आरोपियों की 167.85 करोड़ रुपये कीमत की 21 संपत्तियों को कुर्क करने की भी अनुमति दी है, जो नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद शहर में इस तरह की पहली कार्रवाई होगी। इस संपत्ति में 150 करोड़ रुपये लागत की झुग्गी पुनर्वास परियोजना भी शामिल है। भानु दंपत्ति फरवरी में गबन का मामला सामने आने से कुछ दिन पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे।
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक के पूर्व महाप्रबंधक हितेश मेहता और पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोन समेत अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने भानु और उनकी पत्नी को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन दिया था। अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है। अदालत ने पहले दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
गौरतलब है कि जब हितेश मेहता बैंक के महाप्रबंधक थे तब वे दादर और गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उस समय यह बात सामने आई थी कि हितेश ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दोनों शाखाओं के खातों से 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस ने इस मामले में बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा दादर थाने में की गई शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की है।
पुलिस को संदेह है कि हितेश मेहता और एक अन्य व्यक्ति इस घोटाले में शामिल हैं। मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, जिसके बाद यह मामले में आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में ट्रांसफर किया गया है। ईओडबल्यू ने आरोपी हितेश मेहता को गिरफ्तार कर लिया है।
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बता दें कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने 13 फरवरी को बैंक के कामकाज पर कई तरह के बैंकिंग कारोबार से जुड़े बैन लगा दिए है। आरबीआई की इस सख्ती के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ग्राहकों को ना तो कोई लोन दे सकेगी और न ही किसी से डिपॉजिट ले सकेगी।