मुरबे पोर्ट का विकास (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक और बड़ा बंदरगाह आकार ले रहा है। वाढवण पोर्ट के बाद अब मुरबे पोर्ट के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। जेएसडब्ल्यू मुरबे पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (JSW Murbe Port Pvt. Ltd.) ने 21 जुलाई, 2025 को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के समक्ष पर्यावरण आकलन रिपोर्ट (EIA) का मसौदा प्रस्तुत किया है। इसके साथ ही अब जनसुनवाई की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।
मुरबे में प्रस्तावित यह ग्रीनफील्ड डीपवॉटर पोर्ट 134.07 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता वाला होगा। इसमें बल्क, स्टील, सीमेंट, एलएनजी, एनपीजी और कंटेनरों की हैंडलिंग की सुविधा होगी। परियोजना के तहत 10 किलोमीटर लंबा दक्षिणी ब्रेकवॉटर और 1.3 किलोमीटर लंबा उत्तरी ब्रेकवॉटर बनाया जाएगा। लगभग 1035 एकड़ क्षेत्र में यह बंदरगाह विकसित किया जाएगा।
परियोजना को मजबूत सड़क और रेल संपर्क भी मिलेगा। इसे एनएच-48 और मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने की योजना है। साथ ही 13 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाकर इसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से जोड़ा जाएगा। पानी की आपूर्ति सिंचाई विभाग की सूर्या परियोजना से और बिजली की आपूर्ति महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (MSEDCL) से होगी।
कंपनी का दावा है कि इस परियोजना के कारण किसी भी स्थानीय निवासी का विस्थापन नहीं होगा। निर्माण कार्य अप्रैल 2026 से शुरू होकर मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है। बंदरगाह को सभी मौसमों में चौबीसों घंटे संचालित किया जाएगा, जिससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स सेवाओं को निरंतरता मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुरबे पोर्ट न सिर्फ महाराष्ट्र की औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में भी योगदान देगा। यह परियोजना राज्य की समुद्री