
मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट (सौजन्य-नवभारत)
मुंबई: मुंबई-पुणे यात्रा को अधिक रफ़्तार देने के लिए 6,695 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। कई महत्वपूर्ण हिस्सों का काम प्रगति पर है। हालांकि इस प्रोजेक्ट की समय सीमा अब जून 2025 तक बढ़ा दी गई है, इसलिए मुंबईकरों और पुणेकरों को सुगम यात्रा के लिए थोड़ा और इंतजार करना पडेगा।
मिली जानकारी के अनुसार, विशाल खंभों का निर्माण अब पूरा होने वाला है, इसके पूरा होने के बाद डेक निर्माण का कार्य पूरे जोर-शोर से शुरू कर दिया जाएगा। इस केबल-स्टेड वायाडक्ट को छोड़कर, इस परियोजना के अन्य सभी खंड, जिनमें एक और वायाडक्ट और 2 सुरंगें शामिल हैं, पहले ही पूरे हो चुके हैं।
हालंकि प्रोजेक्ट पूरा होने पर लोग घाट सेक्शन को पूरी तरह से बायपास करके कुसगांव और खोपोली निकास के बीच की कुल दूरी को आराम से पूरा कर पाएंगी, क्योंकि यह दूरी 6 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एमएसआरडीसी) के अधिकारी ने प्रोजेक्ट की समयसीमा बढ़ने की वजह कार्य में जटिलताओं को बताया। क्योंकि घाटी में लगातार चल रही हवाओं और अनिश्चित दृश्यता की स्थिति के बीच काम करना कठिन हो जाता है ।
मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट भारत की एक इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इसकी कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं, जिनमें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 10 लेन और 47 मीटर तक फैली दुनिया की सबसे चौड़ी जुड़वां सुरंगें भी शामिल हैं।
बता दें कि इस परियोजना में कुल 6,695 करोड़ की लागत लगी गई है। अब तक इसका 91 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और बस 9 प्रतिशत काम ही बाकी रह गया है। इस परियोजना के चलते 2 टनल और एक ब्रिज भी है, जिससे की 30 मिनट के समय की बचत होती है। इस परियोजना को 2017 में मंजूरी मिली थी, जिसके बाद 2019 से इसका काम शुरू किया गया था। इस परियोजना की कुल लंबाई 13.3 किलीमीटर है जो 2025 में जल्द ही बनकर पूरा होने वाला है।
इस परियोजना के अंतर्गत भारत का सबसे ऊंचा केबल स्टेड रोड ब्रिज बनाया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 132 मीटर और लंबाई 650 मीटर है। यह ब्रिज 181.77 मीटर लंबे पिलर पर टिका है, जिसका वायडक्ट 840 मीटर है। इस परियोजना में दो टनल भी है। पहली टनल 1.67 किलोमीटर और दूसरी टनल – 8.92 किलोमीटर की है, जिसकी चौड़ाई 23.30 मीटर है साथ ही इसमें इमरजेंसी लेन भी शामिल है।
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मुंबई -पुणे एक्सप्रेस वे पर हर दिन 1 लाख वाहन गुजरती है, जिससे ट्रैफिक की समस्या चिंता का कारण बनी हुई थी। मिसिंग लिंक मौजूदा एक्सप्रेस वे का ही एक हिस्सा होगा। क्योंकि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर लोनावला के पास अक्सर घंटों जाम लग जाता है। इस जाम से निजात दिलाने के लिए ही यह मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।






