कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
Mumbai News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नए आरोपों और ‘जेन-जी’ को लेकर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमलों के बीच शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी-शरद पवार के नेताओं ने राहुल गांधी का बचाव करने की कोशिश की है।
एनसीपी-शरद पवार पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि सशक्त लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने प्रेजेंटेशन के जरिए एक डेटा रखा है। मेरे ख्याल से, यह आरोप भाजपा या किसी अन्य पर नहीं हैं, बल्कि यह आरोप चुनाव आयोग पर लगाए गए हैं। राजनीतिक पार्टियां क्यों इसकी चिंता करती हैं?”
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, वह इसका जवाब दे। राहुल गांधी के बयान को लेकर भाजपा या अन्य पार्टी को जवाब देने की जरूरत नहीं है।
राहुल गांधी की ‘जेन-जी’ टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें ‘माओवादी’ सोच का बताया। इस पर सुप्रिया सुले ने कहा, “इसमें माओवाद कहां से आया है? जेन-जी मतलब नई जेनरेशन है। ऐसे में मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान हास्यास्पद है।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने राहुल के जेन-जी वाले पोस्ट पर कहा, “राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, जो एक संवैधानिक और महत्वपूर्ण पद हैं। उनमें वह साहस है जो हमारे प्रधानमंत्री में नहीं है। सैकड़ों पत्रकारों को एक साथ संबोधित करना राहुल गांधी की बहादुरी है, जो वे लगातार दिखाते हैं।”
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राउत ने आगे कहा, “राहुल गांधी की आलोचना करने वालों को यह समझना चाहिए कि उन्होंने बार-बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपनी बात देश के सामने रखी है। पिछले कुछ समय से वह चुनाव आयोग की भ्रष्ट गतिविधियों, धांधलियों और मत चुराने के तरीकों पर बोल रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सबूत दिए हैं कि किस तरह से एक खास वर्ग के वोट डिलीट किए गए।” -एजेंसी इनपुट के साथ