पूरी तरह बदल जाएगी मुंबई लोकल की तस्वीर, चलेंगी AC वंदे मेट्रो, MRVC ने उठाया बड़ा कदम
Mumbai News: मुंबई की पारंपरिक लोकल ट्रेनें इतिहास बनने जा रही हैं। अब एसी वंदे मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। एमआरवीसी ने 2,856 कोचों की खरीद व रखरखाव के लिए ई-निविदा जारी की है।
Mumbai Local Train News: मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है। अब आने वाले समय में पारंपरिक लोकल की जगह मुंबई व उपनगरों में एसी वंदे मेट्रो (उपनगरीय) ट्रेने ही चलेंगी। मुंबई लोकल रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड (एमआरवीसी) ने 2,856 पूर्ण वातानुकूलित वंदे मेट्रो (उपनगरीय) कोचों की खरीद एवं दीर्घकालिक अनुरक्षण के लिए ई-निविदा जारी की है।
उल्लेखनीय है कि इस समय मुंबई में अधिकांश 12 एवं कुछ 15 डिब्बों की लोकल चलती है। लेकिन वंदे मेट्रो के नए रेक 12, 15 और 18 डिब्बों के होंगे, ताकि मुंबई एमएमआर पर लोकल यात्रियों की भीड़ का नियोजन किया जा सके। बताया गया कि वंदे मेट्रो के ये नए रेक आवश्यकता एवं परिचालन की व्यवहार्यता के अनुसार उपलब्ध होंगे, जिससे यात्री क्षमता,आराम एवं सुरक्षा में बड़ी वृद्धि होगी।
भविष्य की मांग को पूरा करने और भीड़भाड़ कम करने के लिए इस खरीद में बड़े पैमाने पर 15 डिब्बों और आवश्यकता पड़ने पर 18 डिब्बों वाले रेकों का प्रावधान किया गया है। इस तरह आने वाले 7 से 8 वर्षों में मुंबई उपनगरीय सेवा में कम से कम 238 वंदे मेट्रो ट्रेन उपलब्ध हो सकेगी।
मेंटेनेंस के लिए 2 डिपो भी होंगे
एमआरवीसी द्वारा जारी की गई निविदा में वंदे मेट्रो कोच की आपूर्ति के साथ उनके रखरखाव के लिए मध्य व पश्चिम रेलवे पर 2 मेंटेनेंस डिपो का निर्माण भी शामिल है। मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (MUTP) फेज III और IIIA के तहत आधुनिक रेकों की आपूर्ति के साथ अगले 35 वर्षों तक इनके समग्र मेंटेनेंस की व्यवस्था होगी। मध्य रेलवे के भिवपुरी और पश्चिम रेलवे के वानगांव में मेंटेनेंस डिपो बनेंगे।
मुंबई के परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ा बदलाव
एमआरवीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विलास सोपन वाडेकर ने कहा कि 2,856 वंदे मेट्रो (उपनगरीय) कोचों की खरीद मुंबई के परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक बदलाव लाएगी। 12, 15 और 18 डिब्बों वाले लंबे, तेज और सुरक्षित रेक की शुरुआत से मुंबई उपनगरीय सेवा में भीड़भाड़ कम करने के साथ समयबद्धता और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
स्वचालित दरवाजे, उन्नत तकनीकी मानक और विश्वस्तरीय अनुरक्षण सहयोग जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ एमआरवीसी एक भविष्य उन्मुख उपनगरीय रेलवे देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो लाखों दैनिक यात्रियों की अपेक्षाओं को पूरा करेगी। वाडेकर के अनुसार यह निविदा मेक इन इंडिया नीति का पालन करेगी, जिससे घरेलू विनिर्माण और तकनीक का समावेश सुनिश्चित होगा। पहला प्रोटोटाइप रेक अनुबंध मिलने के लगभग दो वर्षों में मुंबई पहुंचेगा।
ऐसी होंगे वंदे मेट्रो (उपनगरीय) के कोच
वातानुकूलित, पूरी तरह वेस्टिब्यूल्ड रेक
अधिक एक्सीलरेशन और डिसेलरेशन, समयबद्धता में सुधार
स्वचालित बंद दरवाजे।
आधुनिक आंतरिक सज्जा, गद्देदार सीटें, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और इंफोटेनमेंट
130 किमी प्रति घंटा तक की गति क्षमता
दोनों सिरों पर लगेज डिब्बे (अलग एसी डक्ट सहित)
उच्च क्षमता वाला एचवीएसी जो मुंबई के वातावरण में यात्रियों के लिए आरामदायक होगा।
वैश्विक मानक की सुरक्षा प्रणाली, जिनमें बेहतर ब्रेकिंग और यात्री प्रवाह डिज़ाइन शामिल है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई लोकल का चेहरा मोहरा बदल कर यात्रियों को सुरक्षित व आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराने 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। यह खर्च केंद्र व राज्य सरकार आधा आधा वहन करेगी। जानकारों के अनुसार यह पहला मौका है जब भारतीय रेल या एशिया में रोलिंग स्टॉक की खरीद के लिए इतना बड़ा टेंडर निकाला गया है। टेंडर फाइनल व प्रोटोटाइप ट्रेन की प्रक्रिया आदि के बाद अगले 5 साल में मुंबई को वंदे मेट्रो की सप्लाई की सौगात मिलेगी। गौरतलब है कि मुंबई लोकल से रोजाना 80 लाख से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं।