प्रतीकात्कम तस्वीर-ईडी
Mumbai News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत अहमदाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन से बैंक ऑफ इंडिया के स्टाफ ऑफिसर (सस्पेंड) हितेश कुमार सिंगला को गिरफ्तार किया है। उन्हें विशेष न्यायालय, पीएमएलए, ग्रेटर बॉम्बे के समक्ष पेश किया गया, जहां से आरोपी को 7 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
सीबीआई और एसीबी मुंबई ने हितेश कुमार सिंगला और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, बीएनएस की धारा 316(5) और पीसी अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ए) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला कि मई 2023 से जुलाई 2025 की अवधि के दौरान सिंगला ने दुर्भावना और आपराधिक इरादे से बिना अनुमति के सावधि जमा (टीडी), लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) खाते, बचत बैंक (एसबी) खाते और चालू खाते (सीए) को धोखाधड़ी से बंद कर दिया। प्राप्त राशि एसबीआई में उसके निजी बचत खाते में जमा कर दी गई।
जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने पकड़े जाने से बचने के लिए 127 खाताधारकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिगों, मृत ग्राहकों और निष्क्रिय खातों जैसे कमजोर ग्राहकों को निशाना बनाया। डायवर्ट की गई धनराशि को टुकड़ों में और गुप्त तरीके से स्थानांतरित किया गया था।
इस धोखाधड़ी से सिंगला ने बैंक ऑफ इंडिया और उसके ग्राहकों को 16.10 करोड़ रुपए का चूना लगाया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ, उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके जनता का विश्वास कम हुआ।
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धोखाधड़ी का पता चलने के बाद से हितेश कुमार सिंगला फरार था और बैंक ऑफ इंडिया को रिपोर्ट करने में विफल रहा। तकनीकी निगरानी द्वारा समर्थित विशिष्ट खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने उज्जैन से वेरावल तक ट्रेन संख्या 19320 महामना एक्सप्रेस में यात्रा करते समय बार-बार सीटें और कोच बदलकर पता लगाने से बचने के उसके बार-बार प्रयासों के बावजूद अहमदाबाद जंक्शन पर उसे सफलतापूर्वक रोका और गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद उसके एक सहयोगी के परिसर में पीएमएलए की धारा 17 के तहत तलाशी ली गई। -एजेंसी इनपुट के साथ