गंदा पानी समुद्र में (pic credit; social media)
Sewage Treatment Facilities: मुंबई की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक मलजल निस्सारण अब धीरे-धीरे समाधान की ओर बढ़ रहा है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने सात नई मलजल शोधन सुविधाएँ (STP) स्थापित करने का बड़ा निर्णय लिया है। इन संयंत्रों में शहर का गंदा पानी शुद्ध किया जाएगा और फिर सुरक्षित तरीके से समुद्र में छोड़ा जाएगा। यह कदम न केवल निस्सारण की समस्या पर काबू पाएगा बल्कि समुद्री पर्यावरण को भी बचाने में मददगार साबित होगा।
हर दिन मुंबई से करोड़ों लीटर मलजल सीधे समुद्र में गिरता है। इससे समुद्र प्रदूषित होता है, मछलियों और समुद्री जीवों पर खतरा बढ़ता है और समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को भी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बीएमसी का मानना है कि नई सुविधाओं से यह खतरा काफी हद तक कम होगा।
अधिकारियों का कहना है कि इन शोधन संयंत्रों की क्षमता इतनी होगी कि शहर का लगभग पूरा मलजल पहले शुद्ध किया जा सकेगा। शुद्ध किए गए पानी को न केवल समुद्र में छोड़ा जाएगा बल्कि भविष्य में इसे औद्योगिक उपयोग और हरियाली बनाए रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई जैसे बड़े महानगर में यह कदम बेहद जरूरी था। लगातार बढ़ती जनसंख्या और अवैध कनेक्शनों की वजह से पुराने नाले और सीवेज सिस्टम पर दबाव बढ़ गया है। परिणामस्वरूप कई इलाकों में बारिश के दिनों में गंदा पानी घरों और सड़कों तक आ जाता है। नई सुविधाएँ इस दबाव को कम करेंगी।
पर्यावरणविदों ने इस योजना का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अगर बीएमसी समय पर इन सुविधाओं को चालू कर देती है तो मुंबई समुद्र प्रदूषण के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करेगी। साथ ही, यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन और राज्य सरकार की स्वच्छ मुंबई, हरित मुंबई नीति के अनुरूप है।
बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि परियोजना का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और अगले कुछ वर्षों में सभी सात संयंत्र चालू हो जाएंगे। तब जाकर मुंबई के समुद्र को प्रदूषण से स्थायी राहत मिल सकेगी।