बृहन्मुंबई महानगर पालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News: मुंबई महानगरपालिका (एमएमसी) के सहायक आयुक्त महेश पाटिल को आयुक्त भूषण गगरानी ने एक महीने के लिए अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब एक व्यापारी ने पाटिल पर वित्तीय निवेश से जुड़े गंभीर आरोप लगाए। व्यापारी ने यह भी दावा किया कि पाटिल ने बाउंसर की मदद से उन्हें पीटने की कोशिश की। इस मामले में व्यापारी ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है।
भांडुप स्थित एस डिवीजन कार्यालय के सहायक आयुक्त पाटिल पर आरोप है कि उन्होंने कई लोगों को सस्ते मकान दिलाने का वादा करके बांद्रा में एक पुनर्विकास परियोजना में निवेश के लिए लुभाया। कारोबारी निशित पटेल का दावा है कि इस निवेश घोटाले के तहत पाटिल ने 80 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
निशित पटेल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पटेल के अनुसार, पाटिल ने कई लोगों को निवेश करने के लिए मजबूर किया, जिसमें पुलिस अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी शामिल थे।
व्यापारी ने यह भी आरोप लगाया कि पाटिल ने किराए के गुंडों की मदद से उनकी पिटाई करवाई और धमकाया। इस पिटाई की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई है। पटेल ने कहा कि निवेश का झांसा देकर उनका अपहरण किया गया और उनके दो मोबाइल फोन छीन लिए गए।
हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन मुंबई महानगरपालिका आयुक्त ने पाटिल को एक महीने के लिए अनिवार्य अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया। पाटिल इससे पहले मलाड (पी उत्तर), भायखला (ई वार्ड) और परेल (एफ दक्षिण) में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत रह चुके हैं।
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महेश पाटिल ने सभी आरोपों का कड़ाई से खंडन किया है। उन्होंने कहा कि ऑडियो रिकॉर्डिंग में जो आवाज़ है, वह उनकी नहीं है। पाटिल ने स्पष्ट किया कि सभी आरोप झूठे, निराधार और गलत हैं। उन्होंने कहा कि एनआरआई निवेशकों ने स्वयं पैसा जमा किया और उनका या अन्य किसी व्यक्ति का उन लेन-देन से कोई संबंध नहीं है। पाटिल ने निशित पटेल को चुनौती दी कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो उसे पेश करें। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जांच से पूरी सच्चाई सामने आएगी और वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।