महाराष्ट्र में 'बादल-फाड़' तबाही! बीड़-धाराशिव में भयानक बाढ़ से बढ़ा खतरा, NDRF-सेना ने संभाली कमान
Mumbai News: मानसून अपने आखिरी दौर में पहुंच गया है लेकिन महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मानसून का प्रकोप अभी भी जारी है। खासकर बीड और धाराशिव जिले में भारी बारिश के कारण सोमवार को जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने लोगों को तुरंत मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने बीड, धाराशिव, लातूर, परभणी और हिंगोली जिलों के जिला कलेक्टरों से फोन पर बात की और स्थिति की समीक्षा की।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठवाड़ा के प्रत्येक जिला कलेक्टर से फोन पर बात करके भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से जायजा लिया। इस दौरान उन्हें पता चला कि धाराशिव जिले के परंदा तालुका के धागपिंपरी गांव के नागरिक बाढ़ में फंस गए हैं। उन्होंने संबंधित जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि बाढ़ के पानी में फंसे नागरिकों की तुरंत मदद करें। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की मदद लें और जरूरत पड़े तो हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल करें। उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों से यह भी कहा कि अगर उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत हो, तो वे तुरंत उनसे संपर्क करें और समय-समय पर उन्हें बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते रहें। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक से भी बात की और उन्हें जरूरी निर्देश दिए।
बीड जिले में आधी रात के बाद शुरू हुई भारी बारिश के कारण बीड, शिरूर, पाटोदा, आष्टी और गेवराई तालुका के कई गांवों में बाढ़ आ गई है। बादल फटने जैसी बारिश के कारण, पाटोदा तालुका में उखंडा झील और सिंधफना नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं। नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का बड़ा संकट मंडरा रहा है।
शिरूर तालुका के शिरापुर गांव में पांच नागरिक बाढ़ के पानी में फंस गए थे।एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें बहादुरी से सुरक्षित बचा लिया। धाराशिव जिले के भूम-परांदा इलाके में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। कुछ इलाकों में सैन्य हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाव कार्य किया जा रहा है। परांदा तालुका के देवगांव वडनेर से 24 नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया है।
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लगातार हो रही बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान में बाधाओं का सामना करना पड़ा। इस वजह से कुछ जगहों पर बचाव कार्य के लिए सैन्य नौकाओं को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सेना मिलकर बाढ़ पीड़ितों को बचाने की कोशिश करते दिखे। तो वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पूरे बचाव अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को लगातार सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।