प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Shalarth Id Scam Effect: महाराष्ट्र में शालार्थ आईडी में फर्जीवाड़े के खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई जांच अभियान के कारण शिक्षक और शिक्षण-संबंधित कर्मचारियों में तनाव बढ़ गया है। क्योंकि समय सीमा के भीतर दस्तावेज अपलोड न करने वाले राज्य के डेढ़ लाख शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं। केवल सोलापुर जिले के 3,000 शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। ये आदेश वेतन अधीक्षक द्वारा जारी किए गए हैं।
राज्य भर के निजी, अनुदानित और सरकारी स्कूलों में साढ़े चार लाख शिक्षक और शिक्षण-संबंधित कर्मचारी हैं। इनमें नवंबर 2012 से अगस्त 2025 के बीच नियुक्त किए गए कर्मचारियों को 31 अगस्त तक ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करने के आदेश दिए गए थे।
इनमें व्यक्तिगत मान्यता, नियुक्ति रिपोर्ट, नियुक्ति आदेश के साथ-साथ शालार्थ आईडी की जानकारी भी शामिल थी। लेकिन कई शिक्षकों ने यह जानकारी अपलोड नहीं की, इसलिए उन्हें 15 सितंबर तक समय बढ़ाया गया। इसके बावजूद शिक्षक ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड नहीं कर पाए। इसलिए उनके वेतन रोकने के आदेश वेतन अधीक्षक ने प्रधानाचार्यों को दिए हैं।
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शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ शिक्षक संगठन सख्त हो गए हैं। समय सीमा बढ़ाओ नहीं तो आंदोलन होगा, ऐसे चेतावनी शिक्षक संगठनों ने दी है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने 2000 के बाद सेवा में शामिल हुए शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करने का निर्देश दिया है, नहीं तो सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया है।
वहीं दूसरी तरफ, समय पर दस्तावेज अपलोड न करने के कारण शिक्षकों के वेतन रोके जाने वाले हैं। इससे राज्य के डेढ़ लाख शिक्षक दोगुने संकट में फंसे हुए हैं। इसलिए अब यह ध्यान आकर्षित कर रहा है कि शिक्षकों को दस्तावेज अपलोड करने के लिए और समय मिलेगा या सीधे वेतन रोक दिया जाएगा।