मुंबई के मोर्चे की तैयारी
Mumbai News: मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोट चोरी के मुद्दे पर विपक्ष अब पूरी तरह से आक्रामक हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण सत्ता में आई है. लेकिन चुनाव आयोग विपक्ष की शिकायतों एवं चिंताओं को संज्ञान में नहीं ले रहा है. इसलिए विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी विपक्षी दलों ने ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’, ‘सत्ता की नहीं, सत्य की लड़ाई,’ ऐसे उद्घोषों के साथ शनिवार को मुंबई में विराट मोर्चा निकालने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय यह है कि ‘सत्य का मोर्चा’ शीर्षक ले निकाले जानेवाले इस मोर्चे में मविआ में शामिल शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) कांग्रेस, राकां शरदचंद्र पवार और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी शामिल होगी. इसलिए माना जा रहा है कि मुंबई महानगरपालिका सहित राज्य के अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों की पृष्ठभूमि में निकाले जा रहे इस मोर्चे के माध्यम से विपक्ष अपना पूरा दम दिखाने का प्रयास करेगा.
वोटों की चोरी, मतदाता सूची में गड़बड़ी, वोटरों के डबल नाम और चुनावी कदाचार के खिलाफ महाराष्ट्र का विपक्ष एकजुट हो गया है. महाविकास अघाड़ी और मनसे ने कल शनिवार को चुनाव आयोग के खिलाफ एकजुट होकर ‘सत्य का मोर्चा’ निकालने का ऐलान किया है। इस मोर्चे में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मनसे प्रमुख राज ठाकरे तथा कांग्रेस, राकां शरदचंद्र पवार पार्टी और वामपंथी दलों के नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.
यह मार्च दोपहर 1 बजे फैशन स्ट्रीट से शुरू होगा. मेट्रो सिनेमा मार्ग होते हुए मुंबई महानगरपालिका के प्रवेश द्वार पर रुकेगा. मविआ के इस मोर्चे में मनसे के शामिल होने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. क्योंकि यूबीटी के साथ-साथ मनसे भी मोर्चे की तैयारी बड़े ही आक्रामक अंदाज में कर रही है. शुक्रवार को मनसे के एक्स अकाउंट मनसे अधिकृत पोस्ट इसका प्रमाण है. पोस्ट में मनसे ने बैलेट पर चुनाव का विरोध करते हुए सवाल उठाया है कि जब अमेरिका में चुनाव “बैलेट पेपर” के माध्यम से होते हैं, तो हमारे पास ईवीएम – वीवीपैट की जिद कयों की जा रही है?
सत्य का मोर्चे की तैयारी मविआ में शामिल घटक दल करीब महीने भऱ से कर रहे हैं. इसके लिए नियमत: पुलिस से भी अनुमति मांगी गई थी. पुलिस के अनुमति के लिए मविआ और मनसे के एक शिष्टमंडल ने हाल ही में मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती से भी मुलाकात की थी. लेकिन इसके बाद भी खबर लिखे जाने तक विपक्ष को पुलिस से मोर्चा निकालने की अनुमति नहीं मिली है. ऐसा दावा कुछ रिपोर्टों में किया गया है. लेकिन विपक्ष मोर्चा निकालने पर अड़ा हुआ है. यूबीटी, मनसे, कांग्रेस, राकां शरदचंद्र पवार और सपा पार्टी के नेता अपने पदाधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ मोर्चे में पहुंचने का निर्देश दिया है.
पत्रकारों के प्रश्न का उत्तर देते हुए सपकाल ने कहा कि 1 नवंबर को चुनाव आयोग के खिलाफ सर्वदलीय मोर्चा आयोजित किया गया है. मतदाता सूची में घोटाले एक गंभीर और चिंताजनक विषय हैं. राहुल गांधी ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया और सबूतों सहित गड़बड़ी उजागर की. चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होने चाहिए. यही सबकी मांग है। इस मोर्चे में कांग्रेस पार्टी का पूर्ण समर्थन रहेगा और कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता इसमें भाग लेंगे, ऐसा हर्षवर्धन सपकाल ने कहा.
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इस मार्च के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर साझा पोस्ट में जयंत पाटिल ने कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करते हुए लिखा है कि संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, चलो मुंबई! कल, 1 नवंबर को मुंबई में ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में घोटाले के खिलाफ चुनाव आयोग के खिलाफ एक सर्वदलीय ‘सत्याचार विराट मोर्चा’ का आयोजन किया गया है. सभी मतदाता इस मार्च में भाग लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज करें. हम इस मार्च में पूरी ताकत से भाग लेने वाले हैं. आप भी आइए…! मार्च का स्थान – फैशन स्ट्रीट, चर्चगेट. समय – दोपहर 1:00 बजे